मोबाइल इंटरनेट की स्पीड के मामले में भारत को मिली 121वीं रैंक, जानें कौन रहा अव्वल

Praveen Upadhayay's picture

Rga news

Ookla के मुताबिक मोबाइल इंटरनेट की स्पीड के मामले में भारत 121वीं पायदान पर पहुंच गया है जबकि फिक्स्ड ब्रॉडबैंड के मामले में भारत की रैंकिंग में कोई बदलाव नहीं हुआ है......

नई दिल्ली:-अप्रैल के महीने में भारत में मोबाइल इंटरनेट में काफी गिरावट दर्ज की गई है। मोबाइल स्पीड मेजर करने वाली एजेंसी Ookla के मुताबिक, अप्रैल के महीने में मोबाइल इंटरनेट की स्पीड के मामले में भारत 121वीं पायदान पर पहुंच गया है जबकि फिक्स्ड ब्रॉडबैंड के मामले में भारत की रैंकिंग में कोई बदलाव नहीं हुआ है। फिक्स्ड ब्रॉडबैंड इंटरनेट स्पीड के मामले में भारत ने अपनी 68वीं रैंक बरकरार रखी है। Ookla ने आज Speedtest Global Index जारी किया है जिसमें यह बात सामने आई है।

मोबाइल इंटरनेट स्पीड में दर्ज की गई भारी गिरावट
भारत ने 29.5 Mbps की एवरेज डाउनलोड स्पीड के साथ फिक्स्ड ब्रॉडबैंड स्पीड के मामले में अपनी रैंकिंग बरकरार रखी है। मोबाइल इंटरनेट में भारी गिरावट देखने को मिली है। रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में मोबाइल ब्रॉडबैंड की एवरेज डाउनलोड स्पीड 10.71 Mbps दर्ज की गई है। Ookla द्वारा 2018 की शुरुआत में जारी डाटा के मुताबिक, फिक्स्ड ब्रॉडबैंड में भारत 67वीं पायदान पर था जबकि मोबाइल ब्रॉडबैंड में भारत की रैंकिंग 109वीं थी। दोनों ही क्षेत्र में भारत के प्रदर्शन में गिरावट दर्ज की गई है।

नार्वे और सिंगापुर रहे अव्वल
अप्रैल के Speedtest Global Index के मुताबिक, मोबाइल इंटरनेट स्पीड के मामले में 65.41 Mbps की एवरेज स्पीड के साथ नार्वे पहले पायदान पर पहुंच गया है। फिक्स्ड ब्रॉडबैंड के मामले में 197.50 Mbps की एवरेज स्पीक के साथ सिंगापुर को पहला स्थान मिला है

इस वजह से मिलता है स्लो इंटरनेट
Ookla के को-फाउंडर और जनरल मैनेजर Doug Suttles के मुताबिक, भारत जैसे देश में इंटरनेट स्पीड कम होने के पीछे यहां की जियोग्राफिकल साइज के साथ-साथ जनसंख्या भी अहम रोल है। जनसंख्या घनत्व ज्यादा होना इंटरनेट कंजेशन का एक प्रमुख फैक्टर है जो इसकी स्पीड को स्लो कर देती है। Ookla ने भारत के 40 मिलियन एक्टिव यूजर्स के साथ ही एक दिन में 8 लाख टेस्ट करने के बाद यह डाटा जारी किया है।

 

News Category: 

Scholarly Lite is a free theme, contributed to the Drupal Community by More than Themes.