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वैज्ञानिकों की मानें तो अल नीनो के प्रभाव से मानसून प्रभावित हो रहा है। वहीं दिल्ली-एनसीआर के इलाकों में अभी से ज्यादा गर्मी के पीछे भी अल नीनो ही है।...
नई दिल्ली:-Weather Update: दिल्ली-एनसीआर समेत पूरे उत्तर भारत में पिछले एक सप्ताह से अधिक समय से मिल रही राहत अब खत्म हो गई है। मौसम में बदलाव के बीच रविवार से ही सूरज आग उगल रहा है तो ठप पड़ी हवाओं ने लोगों की मुसीबत बढ़ा दी है। आलम यह है कि तपती धूप और गर्मी से लोग घरों में कैद होने के लिए मजबूर हो गए हैं, वहीं देर शाम छह बजे तक चल रही गर्म हवाएं लू में तब्दील हो गई हैं। ऐसे में दोपहर के समय तो सड़कों पर भीड़-भाड़ भी कम ही दिखाई दे रही है। वैज्ञानिकों की मानें तो अल नीनो के प्रभाव से मानसून प्रभावित हो रहा है। वहीं दिल्ली-एनसीआर के इलाकों में अभी से ज्यादा गर्मी के पीछे भी अल नीनो के प्रभाव को जिम्मेदार बताया जा रहा है।
अगले कुछ दिनों तक वेस्टर्न डिस्टर्बेंस नहीं
भारतीय मौसम विभाग (Indian Meteorological Department) के मुताबिक, अगले एक सप्ताह के दौरान दिल्ली के लोगों को गर्मी से राहत नहीं मिलने वाली है, क्योंकि न तो बारिश के आसार हैं और न ही वेस्टर्न डिस्टर्बेंस (Western Disturbance) के चलते मौसम में कोई नया बदलाव होने वाला है।
गर्म हवाओं से हुई सप्ताह की शुरुआत
सप्ताह की शुरुआत गर्म हवाओं के चलने से हुई है। मौसम को लेकर मौसम विभाग (IMD) का पूर्वानुमान है कि सोमवार से शुरू हुई गर्मी में लगातार इजाफा होगा और इससे तापमान 45 डिग्री सेल्सियस तक जा सकता है, वह भी अगले कुछ दिनों के दौरान। मौसम विभाग के मुताबिक, सोमवार को सुबह गर्म हवाओं के साथ दिन की शुरुआत हुई है और न्यूनतम तामपान 24 डिग्री सेल्सियस तथा अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस तक है। आसमान पूरी तरह से साफ है, जिससे गर्मी और ज्यादा हो रही है।
मौसम विभाग के मुताबिक सोमवार को अधिकतम तापमान 43.5 डिग्री सेल्सियस रहा। वहीं, न्यूनतम तापमान 26.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। मौसम विभाग के मुताबिक मंगलवार को मौसम साफ रहने के आसार हैं और अधिकतम तापमान 44.0 डिग्री सेल्सियस रह सकता है। सोमवार सुबह से शाम तक तेज धूप और गर्मी ने बेहाल कर दिया। दोपहर में गर्मी के कारण घर से बाहर निकलने में परेशानी हुई। मौसम विभाग के अनुसार आगामी 10 दिन तक गर्मी से राहत मिलने के कोई आसार नहीं हैं
राहत का दौर खत्म, अब गर्मी के लिए रहें तैयार
मौसम विभाग से जुड़े वैज्ञानिकों के मुताबिक, हाल-फिलहाल पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता के भी कोई आसार नहीं हैं। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक बार-बार पश्चिमी विक्षोभों की सक्रियता के कारण अभी तक मौसम में उतार चढ़ाव की स्थिति बनती रही है। जेठ का महीना होने के बावजूद अभी गर्मी भी उतनी नहीं पड़ रही है, लेकिन अब गर्मी के जोर पकड़ने के आसार हैं। धूप की तपन भी परेशान करेगी और गर्म हवा के थपेड़े भी सहने पड़ सकते हैं। अगले एक सप्ताह के दौरान दिल्ली का अधिकतम तापमान 42 डिग्री सेल्सियस को भी पार करने के आसार हैं। मौसम में कोई खास बदलाव नहीं हुआ तो जल्द ही तापमान 45 डिग्री तक जा सकता है।
वहीं, उत्तरी मैदानी इलाकों में धूप और गर्मी से बचने के लिए दिल्ली, यूपी, राजस्थान, हरियाणा और पंजाब के लोग हिल स्टेशनों का रुख कर गए हैं। वहीं, पहाड़ी राज्यों में पर्यटकों की भीड़ लगातार बढ़ती जा रही है।
यहां पर बता दें कि पिछले महीने India Meteorological Department (भारतीय मौसम विभाग) के वैज्ञानिकों ने कहा था कि तेज धूप और लू के साथ इस बार मई के अंत तक तापमान 45 डिग्री के पार जा सकता है। मौसम विभाग के मुताबिक, जून तक औसत तापमान में 0.5 डिग्री का इजाफा होगा।
मौसम वैज्ञानिक पहले ही दावा कर चुके हैं कि दिल्ली-एनसीआर के साथ-साथ उत्तर भारत में इस बार गर्मी के दौरान लू (Heat Wave) ज्यादा परेशान करेगी। लू के इस तरह परेशान करने के पीछे 'अल नीनो' को सबसे बड़ी वजह बताया जा रहा है। इतना ही नहीं, मौसम विभाग तो पहले ही अल नीनो के असर से इस साल ज्यादा गर्मी और कमजोर मानसून की बात कह चुका है।
अल नीनो के प्रभाव से ज्यादा पड़ेगी दिल्ली-एनसीआर में गर्मी
वैज्ञानिकों की मानें तो अल नीनो के प्रभाव से मानसून प्रभावित हो रहा है। बताया जा रहा है कि इस साल अल नीनो के शुरुआती असर के चलते तमिलनाडु, तटीय आंध्र में अप्रैल महीने से ही लू चल रही है, वहीं दिल्ली-एनसीआर के इलाकों में अभी से ज्यादा गर्मी के पीछे भी अल नीनो ही है
45 डिग्री के पार जाएगा पारा
स्काइमेट के वैज्ञानिक महेश पालावत का कहना है कि इस बार जून में दिल्ली-एनसीआर में तापमान 45 डिग्री से अधिक रहेगा। उन्होंने यह भी कहा है कि प्री-मानसून सीजन में रह-रहकर अच्छी बारिश से लू से बीच-बीच में राहत भी मिलेगी, लेकिन इससे उमस परेशान करना शुरू कर देगी।
मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक दिल्ली एनसीआर के साथ-साथ पंजाब, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश इत्यादि राज्य ‘कोर हीट वेव जोन’ में आते हैं। बीच बीच में पश्चिमी विक्षोभ आने से इन राज्यों में लोगों को राहत मिलती रहती है, लेकिन इस बार इसकी भी बहुत कम संभावना है।