मक्का मस्जिद फैसला : भाजपा ने कहा-मांफी मांगे सोनिया-राहुल, कांग्रेस ने NIA पर उठाए सवाल 

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राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की विशेष अदालत से मक्का मस्जिद में विस्फोट मामले के पांचों आरोपियों के बरी हो जाने के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने सोमवार को कांग्रेस की मंशा पर सवाल उठाए। भाजपा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने 'भगवा आतंकवाद' के जरिए देश के करोड़ों हिंदुओं का अपमान किया और इसके लिए कांग्रेस की तत्कालीन अध्यक्ष और वर्तमान अध्यक्ष राहुल गांधी को माफी मांगनी चाहिए।

मक्का मस्जिद विस्फोट मामले में सभी आरोपी बरी।

नई दिल्ली : राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की विशेष अदालत से मक्का मस्जिद में विस्फोट मामले के पांचों आरोपियों के बरी हो जाने के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने सोमवार को कांग्रेस की मंशा पर सवाल उठाए। भाजपा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने 'भगवा आतंकवाद' के जरिए देश के करोड़ों हिंदुओं का अपमान किया और इसके लिए कांग्रेस की तत्कालीन अध्यक्ष और वर्तमान अध्यक्ष राहुल गांधी को माफी मांगनी चाहिए। भाजपा ने कहा कि वह कोर्ट के फैसले पर टिप्पणी नहीं करती लेकिन कांग्रेस पार्टी ने एनआईए की भूमिका पर सवाल उठाए हैं। कांग्रेस का कहना है कि एजेंसियों की जांच पर जो एक भरोसा था, वह खत्म होता जा रहा है। बता दें कि एनआईए की विशेष अदालत ने 2007 में मक्का मस्जिद में हुए विस्फोट मामले के पांचों आरोपियों को बरी कर दिया है।  

भाजपा प्रवक्ता संवित पात्रा ने कहा, 'कांग्रेस आज कोर्ट के फैसले पर सवाल उठा रही है लेकिन 2जी घोटाला पर कोर्ट का फैसला उसके लिए ठीक था। मैं पूछना चाहता हूं कि कांग्रेस का यह दोहरा रवैया क्यों है।' पात्रा ने कहा कि करोड़ों हिंदुओं की भावनाओं को आहत करने के लिए सोनिया गांधी और राहुल गांधी को माफी मांगनी चाहिए। भाजपा प्रवक्ता ने पूछा कि कुछ दिनों पहले राहुल गांधी रात के 12 बजे इंडिया गेट पहुंचे थे, क्या वे हिंदुओं से माफी मांगने के लिए आज रात इंडिया गेट पहुंचेंगे कि नहीं। पात्रा ने कहा कि कांग्रेस नेताओं पी. चिदंबरम और सुशील कुमार शिंदे ने 'भगवा आतंकवाद' का झूठा प्रचार कर देश के हिंदुओं का अपमानित किया और हिंदुओं को अपमानित करने का प्रशिक्षण उन्होंने सोनिया गांधी और राहुल गांधी से प्राप्त की थी। 
इससे पहले कोर्ट के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा, 'कोर्ट के दरवाजे अभी सबके लिए खुले हैं और कोर्ट हमेशा न्याय करती है। दुर्भाग्य से केंद्र सरकार विरोधियों को डराने एवं धमकाने के लिए जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है। लोगों का विश्वास अदालतों पर रहा है। इन चार सालों में जांच एजेंसियों ने जो जांच की उसमें अंतत: न्याय कोर्ट से मिला है। लेकिन अब जांच एजेंसिंया सत्तारूढ़ पार्टी के हाथों कठपुतली बन गई हैं।' आजाद ने कठुआ रेप-मर्डर मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जांच सुप्रीम कोर्ट या हाई कोर्ट की निगरानी में होनी चाहिए। केंद्र और जम्मू-कश्मीर सरकार पर हमारा भरोसा नहीं है। 
मक्का मस्जिद विस्फोट के समय देश के गृह मंत्री रहे शिवराज पाटील ने कहा, 'मैंने कोर्ट का फैसला अभी नहीं पढ़ा है और फैसले को पढ़े बिना प्रतिक्रिया देना गलत होगा।' यह पूछे जाने पर कि सरकार के मंत्रियों ने उस समय कहा था कि मक्का मस्जिद विस्फोट के पीछे 'हिंदू आतंकवाद' था। इस पर पाटील ने कहा कि उन्होंने इस तरह का बयान नहीं दिया था।
बता दें कि एनआईए की विशेष अदालत ने 2007 में मक्का मस्जिद में हुए विस्फोट मामले के पांचों आरोपियों को सोमवार को बरी कर दिया। कोर्ट ने आरोपी असीमानंद समेत सभी आरोपियों को सबूतों के अभाव के चलते बरी कर दिया। फैसले के बाद एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने सवाल उठाते हुए कहा, 'मामले में न्याय नहीं किया गया।' एक के बाद एक ट्वीट करते हुए ओवैसी ने कहा कि एनआईए ने इस मामले को आगे नहीं बढ़ाया, जैसा कि अपेक्षित था।

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