पट्टे की जमीन को बना दिया भूमिधरी

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RGA न्यूज रुद्रपुर 

एनएच-74 भूमि मुआवजा घोटाले में मुआवजा हासिल करने के लिए अफसरों ने किसानों के साथ साठगांठ कर कईं कारनामों को अंजाम दिया। गदरपुर के गोपाल नगर में तत्कालीन एसडीएम ने किसानों के साथ मिलकर एनएच की जद में आई पट्टे की जमीन को नियमविरुद्ध भूमिधरी में ट्रांसफर कर दिया। उसके बाद बैकडेट में 143 भी करा दिया।

एसआईटी जांच शुरू होने और पिछली तारीख में 143 खारिज करने की वजह से सरकार को करीब 10 करोड़ रुपये से अधिक की चपत लगने से बच गई। पट्टे की जमीन को भूमिधरी में ट्रांसफर करने के अपने तरह के गजब और गंभीर मामले में एसआईटी के साथ ही अंदरखाने प्रशासन भी जांच कर रहा है।

गदरपुर के गोपाल नगर में एक काश्तकार की वर्ग-1 ख की भूमि एनएच चौड़ीकरण की जद में आ रही थी। नोटिफिकेशन में अन्य जमीनों के साथ यह जमीन भी छूट गई थी। वर्ग-1 ख की जमीन की 143 नहीं हो सकती थी। काश्तकार के दो बेटों के नाम गोपाल नगर में ही वर्ग-1 क भूमिधरी की जमीन है। लिहाजा जमीनों की अदला-बदली कर मुआवजा हासिल करने का खेल रचा गया।
योजनाबद्ध तरीके से एसडीएम के पास वाद दायर करते हुए काश्तकार ने जमीन के खसरा संख्या 197 ख की एक हेक्टेयर जमीन को अपने पुत्रों के गाटा संख्या 198 की एक हेक्टेयर जमीन के साथ तबादला करने की मांग की। बाजपुर के तत्कालीन एसडीएम ने 23 जनवरी 2016 को धारा 161 और भूमि सुधार अधिनियम के तहत जमीनों का तबादला उसी श्रेणी में कर दिया। 
नियमानुसार, पट्टे की जमीन को भूमिधरी में ट्रांसफर नहीं किया जा सकता है। दस्तावेजों में ट्रांसफर प्रक्रिया के बाद भूमिधरी की जमीन का पिछली तारीख में 143 करा लिया गया। इसी बीच एनएच के संशोधित नोटिफिकेशन में उक्त जमीन शामिल हो गई थी।
अफसर भी जमीनों के ट्रांसफर से हैरान
रुद्रपुर गदरपुर तहसील में मुआवजे के फेर में पट्टे और भूमिधरी की जमीनों के ट्रांसफर का मामला देख अफसर भी हैरान हो गए थे। जमीनों को लेकर होने वाली कार्रवाई को लेकर धरातल पर मौका मुआयने की रिपोर्ट लगाई जाती है। जमीन के एनएच की जद में आने की जानकारी के बाद भी पट्टे और भूमिधरी को बदल दिया गया। बताया जा रहा है कि एनएच घोटाले की जांच शुरू हुई तो इस मामले की पत्रावली दबा दी गई।

चूंकि पहले नोटिफिकेशन में जमीन नहीं थी, लिहाजा एसआईटी की नजर से यह मामला बचा रहा, लेकिन एसआईटी के संज्ञान में मामला आने के बाद जांच कर पत्रावली मांगी जा रही है। इधर, कोर्ट में मामला होने की वजह से प्रशासन भी गोपनीय ढंग से जांच कर पत्रावली जुटा रहा है। एक अफसर ने बताया कि पट्टे की जमीन भूमिधरी में ट्रांसफर हो ही नहीं सकती है।  

 

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