यात्री गण कृपया ध्यान दें, ट्रेन से दिल्ली से हवाड़ा व मुंबई जाने में अब पांच घंटे कम लगेंगे

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रेलवे ने 100 दिन की अपनी योजना में इसके अलावा 10 और प्रस्ताव तैयार किए हैं 31 अगस्त तक इन्हें लागू करने के लिए तत्काल कार्य शुरू करने की बात भी कही है।...

नई दिल्ली:-प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने सभी मंत्रालयों को 100 दिन का एजेंडा तय करने का निर्देश दिया है। इसी कड़ी में रेलवे ने भी 100 दिन की योजना तैयार की है। इसके तहत दिल्ली-हावड़ा और दिल्ली-मुंबई के बीच रेल यात्रा के समय में पांच घंटे की कमी लाने का लक्ष्य है। रेलवे इसके लिए अगले चार साल के दौरान इन दोनों मार्गो पर इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार के लिए 14,000 करोड़ रुपये का निवेश करेगी।

रेलवे ने 100 दिन की अपनी योजना में इसके अलावा 10 और प्रस्ताव तैयार किए हैं, 31 अगस्त तक इन्हें लागू करने के लिए तत्काल कार्य शुरू करने की बात भी कही है। दोनों ही रेल मार्ग देश के सबसे व्यस्त रेल मार्ग हैं। कुल ट्रेनों में से 30 फीसद यात्री ट्रेनें और 20 फीसद मालगाड़ियों का इस मार्ग से आना-जाना रहता है।

मौजूदा समय में दिल्ली से हावड़ा की दूरी तय करने में सबसे तेज रफ्तार ट्रेन को 17 घंटे लगते हैं, जबकि दिल्ली से मुंबई पहुंचने में सबसे तेज गति से चलने वाली ट्रेन को 15.5 घंटे का समय लगता है। 100 दिन की योजना में इन दोनों ही रेल मार्ग पर यात्रा समय को पांच घंटे की कमी कर क्रमश: 12 घंटे और 10 घंटे करने का प्रस्ताव है। इस प्रस्ताव को मंजूरी के लिए आर्थिक मामलों पर कैबिनेट समिति के पास भेजा जाना है।

प्रस्ताव के मसौदे के मुताबिक अभी इन दोनों ही रूट पर ट्रेन की अधिकतम रफ्तार 130 किलोमीटर प्रतिघंटे है, जिसे बढ़ाकर 160 किलोमीटर प्रतिघंटे किया जाना है। इस प्रोजेक्ट पर नई दिल्ली-हावड़ा रूट (1,525 किलोमीटर) पर 6, 684 करोड़ रुपये और नई दिल्ली-मुंबई रूट (1,483) पर 6,806 करोड़ रुपये की लागत आएगी। इसमें मंजूरी मिलने के बाद से चार साल का समय लगेगा।

अन्य 10 प्रस्तावों में रेल मंत्री पीयूष गोयल द्वारा शुरू किया गया 'गिव इट अप' योजना भी शामिल है। इसके तहत लोगों को रेल टिकट पर सब्सिडी छोड़ने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। कई वरिष्ठ नागरिकों ने सब्सिडी छोड़ भी दी है।

इसके अलावा कुछ निश्चित रेल मार्गो को निजी हाथों में सौंपने की योजना भी है। अगले 100 दिन की योजना में कम भीड़ वाले रेल मार्गो और दो ट्रेनों के संचालन को निजी हाथों में सौंपा जाना भी शामिल है। इसके अलावा इस योजना में सभी 6,485 रेलवे स्टेशनों पर वाई-फाई की सुविधा मुहैया कराना, 2023 तक सभी 2,568 लेबल क्रॉसिंग को खत्म करने के लिए मंजूरी हासिल करना और अत्याधुनिक सिग्नलिंग प्रणाली इत्यादि लागू करना शामिल है।

 

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