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RGA News, दिल्ली
JK Reservation Amandment Bill LIVE अमित शाह ने कहा कि एक समय आएगा कि भवानी मंदिर में कश्मीरी पंडित वहां पूजा करते दिखाई देंगे। ...
नई दिल्ली:- राज्यसभा में जवाब देते हुए गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि सेना के जवानों की सुरक्षा के लिए अगर आम यातायात को रोका जाए तो हम इससे पीछे नहीं हटेंगे। उन्होंने कहा कि पहले भी ऐसा होता आया है और हमारे 40 जवान मारे गए हैं, ऐसे में हम कैसे चुप बैठ सकते हैं। अमित शाह ने कहा कि अमरनाथ यात्रियों के सुरक्षा के लिए नेशनल हाईवे पर ट्रैफिक कुछ घंटों के लिए रोकने का फैसला लिया गया है। यह जम्मू कश्मीर की आवाम के हित में है। उन्होंने कहा कि अलगाववाद की बात करने वाले, स्कूल बंद कराने वाले नेताओं के बच्चे विदेश में पढ़कर अच्छी नौकरी कर रहे हैं, इसलिए घाटी के लोग अलगाववादियों की बातों में न आएं। अमित शाह ने कहा कि घाटी हमारे भी है जितना भाव आजाद जी के दिल में शायद उससे ज्यादा भाव हमारे दिल में है। उन लोगों को भी विकास की धारा से जोड़ने का काम किया है।
पटेल के मना करने के बाद भी हम UN क्यों गए
अमित शाह बोले कि जब एक तिहाई कश्मीर पाकिस्तान के कब्जे में था तो आपने सीजफायर क्यों कर दिया। अगर ये नेता होता तो आज आतंकवाद नहीं होता, सीजफायर नहीं होता तो आज ये झगड़ा नहीं होता। सरदार पटेल तब न बोलते रहे, लेकिन हम संयुक्त राष्ट्र क्यों गए थे। क्या यह गलती नहीं है। जनमत संग्रह के लिए हमने उस वक्त क्यों सहमति दी थी, गलती की गईं हैं तो सवाल पूछे जाएंगे। हैदराबाद में निजाम संधि के लिए भी तैयार नहीं थे फिर भी सरदार पटेल ने भारत की झोली में हैदराबाद के डाला था।
इतिहास की भूलों से सीखना होगा
कश्मीर के इतिहास के बारे में चर्चा करते हुए अमित शाह ने कहा कि हम नेहरू जी के बारे में कोई गलत विचार जनता के बीच खड़ा नहीं करना चाहते। इतिहास की भूलों से जो लोग नहीं सीखते, उनका भविष्य अच्छा नहीं होता। इतिहास की भूलों पर चर्चा होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि शहीदों के लिए हमारे दिलों में पूज्यभाव है क्योंकि इन्होंने देश के लिए सर्वोच्च बलिदान दिए हैं।
कश्मीर की जनता भारत से जुड़े, हम जानमाल की रक्षा करेंगे
जो भारत को तोड़ने की बात करेगा उसे उसी भाषा में जवाब मिलेगा। उन्होंने कहा कि घाटी की जनता से कहना चाहता हूं कि किसी से डरने की जरूरत नहीं है। गुमराह मत हों, आप भारत के साथ जुड़िए, भारत सरकार आपके जान और माल की रक्षा करेगी।
राष्ट्रपति शासन में हुआ है काफी काम
राज्यसभा में अमित शाह ने कहा कि राष्ट्रपति शासन में कश्मीर में काफी काम हुआ है। बाबू गांव-गांव जाकर सरकारी योजनाओं को लोगों तक पहुंचा जा रहे हैं। जहां तक विकास नहीं पहुंचा था, वहां 6 साल में हमारी योजनाएं पहुंचीं हैं। उन्होंने कहा कि शौचालय से लेकर विधवा पेंशन, वृद्धा पेंशन तक का लाभ लोगों को मिला है।
शाह ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ मोदी सरकार जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रही है। विशिष्ट परिस्थिति के कारण विधायक घर पर बैठे हैं सही बात है लेकिन पंचायत चुनाव नहीं होने से 40 हजार लोग घर पर बैठे थे। पंच-सरपंच को क्या विकास करने का हक नहीं है। आज तक इस बारे में चिंता नहीं हुई लेकिन मोदी सरकार ने पंचायत चुनाव सफलता के साथ कराए।
राज्यसभा में जवाब देते हुए गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि जम्मू कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है। कम से कम इस बात पर सदन एकमत है। उन्होंने कहा कि सरकार जम्मू कश्मीर के विकास के लिए प्रतिबद्ध है। जम्मू कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और कोई इसे देश से अलग नहीं कर सकता।
गौरतलब है कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने सोमवार को राज्यसभा (Rajya Sabha) में जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रपति शासन की अवधि छह महीने के लिए बढ़ाने से संबंधित बिल पेश किया। लोकसभा (Lok Sabha) इस बिल को पहले ही पारित कर चुकी है। इसके अलावा उन्होंने जम्मू-कश्मीर आरक्षण (संशोधन) बिल 2019 भी उच्च सदन के पटल पर रखा। यह बिल भी लोकसभा से पिछले हफ्ते पास हुआ था।