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पिछले वर्ष 31 दिसंबर तक क्षमता से 150 फीसद ज्यादा कैदी थे उसके संबंध में रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा है।
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय विधि सेवा प्राधिकार (एनएएलएसए) से जेल में कैदियों की भीड़ के मुद्दे पर नजर डालने के लिए कहा है। ऐसी जेलों में जहां पिछले वर्ष 31 दिसंबर तक क्षमता से 150 फीसद ज्यादा कैदी थे उसके संबंध में रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा है।
जस्टिस मदन बी. लोकुर की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने एमिकस क्यूरी के रूप में कोर्ट की सहायता कर रहे वकील से महिला कैदियों के पुनर्वास और कल्याण के मुद्दे पर नजर डालने के लिए कहा है। महिला कैदियों के बच्चों की शिक्षा पर भी ध्यान देने को कहा है। इस पीठ में जस्टिस कुरियन जोसफ और जस्टिस दीपक गुप्ता भी शामिल हैं।
पीठ ने एनएएलएसए के निदेशक सुरिंद्र एस. राठी से राज्य विधि सेवा प्राधिकार के सदस्य सचिवों के माध्यम से सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की जेलों में रिक्त पदों की संख्या सुनिश्चित करने के लिए कहा है।