RGA न्यूज नई दिल्ली
देश में नकदी की किल्लत की स्थिति में तेजी सुधार हो रहा है और देश भर के लगभग सवा दो लाख एटीएम में से 80 फीसदी सामान्य ढंग से काम कर रहे हैं। एक दिन पहले 60 फीसदी एटीएम काम कर रहे थे। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी है।सूत्रों के अनुसार वित्त मंत्रालय, रिजर्व बैंक, बैंकों और नकदी को एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाने वाली कंपनियों के बीच आपसी तालमेल से स्थिति में सुधार दर्ज किया गया है। उन्होंने बताया कि आमतौर पर 10-12 फीसदी एटीएम किसी न किसी कारणवश रखरखाव के लिए बंद रहते हैं यानी सामान्य दिनों में भी 88 फीसदी एटीएम ही काम करते हैं। नकदी की किल्लत की खबरों के बीच 80 फीसदी एटीएम का संचालित होना सामान्य माना जाएगा।
स्टेट बैंक में स्थिति सामान्य
देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई ने कहा है कि पिछले 24 घंटे में उसके एटीएम में नकदी की उपलब्धता बढ़ी है। बता दें कि एटीएम और बैंकों में नकदी की किल्लत की खबर सबसे पहले दक्षिणी राज्य आंध्र प्रदेश और तेलंगाना से आई थी। अमर उजाला ने 11 अप्रैल के अंक में इस बारे में खबर प्रकाशित कर आगाह भी किया था। हैरानी की बात यह है कि पिछले दो साल में आंध्र और तेलंगाना को सबसे ज्यादा नकदी की सप्लाई की गई। इसका अर्थ यह है कि इन राज्यों में बड़े नोटों की जमाखोरी की जा रही है।
70 हजार करोड़ की कमी
मुंबई- सरकार और रिजर्व बैंक भले ही यह दावा कर रहे हों कि देश में नकदी की कोई समस्या नहीं है लेकिन एसबीआई रिसर्च ने बुधवार को कहा कि बैंकिंग व्यवस्था में 70 हजार करोड़ रुपये की कमी है। यह रकम एटीएम से होने वाली मासिक निकासी की एक तिहाई है।
किल्लत की वजहें
वित्त वर्ष 2017-18 की दूसरी छमाही में डेबिट कार्ड के जरिए एटीएम से 15,291 अरब रुपये की निकासी की गई थी। पहली छमाही के मुकाबले इसमें 12.2 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई।
200 के नोटों की छपाई में तेजी आने के कारण भी नकदी की कमी महसूस की जा रही है।
वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में आर्थिक गतिविधियों में तेजी आने के कारण भी ज्यादा नकदी की निकासी की गई है।
इस समस्या के लिए एफआरडीआई बिल को लेकर उड़ी अफवाह भी जिम्मेदार है जिसकी वजह से लोगों ने काफी मात्रा में कैश की निकासी की है। कहा जा रहा है कि इस बिल के पारित होने के बाद अगर कोई बैंक दिवालिया होता है तो जमाकर्ताओं के पैसे से उसे उबारा जाएगा। हालांकि सरकार एकाधिक बार कह चुकी है कि प्रस्तावित विधेयक में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है।
क्या 2000 के नोट बंद करेगी सरकार
नई दिल्ली- तृणमूल कांग्रेस नेता दिनेश त्रिवेदी ने सरकार से कहा है कि वह नकदी की कमी के पीछे की असली वजह को जनता के सामने लाए। कहीं ऐसा तो नहीं है कि सरकार 2000 रुपये के नोट बंद करने जा रही है। वित्त पर संसद की स्थायी समिति के सदस्य त्रिवेदी ने कहा कि इस समस्या के मूल कारणों को जानना जनता का अधिकार है और लोकतंत्र में सरकार उनकी आंखों में धूल नहीं झोंक सकती है।