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उत्तरी दिल्ली नगर निगम सदन की बैठक में उस वक्त सभी पार्षद सन्न रह गए, जब आप की एक महिला पार्षद की सास के निधन पर ससुर को श्रद्धांजलि दे दी गई। गलती सामने आई तो उसमें आनन फानन में सुधार किया गया। निगम की दलील है कि उन्हें जो शोक प्रस्ताव भेजा गया, उसे वैसा ही पेश किया गया।
सदन की 30 जून को हुई बैठक में एक शोक प्रस्ताव लाया गया था। इसमें कुछ पार्षदों के परिजनों के निधन पर शोक जताया गया था। कुछ दिन बाद सुल्तानपुरी से आप की एक पार्षद के ससुर की मौत हो गई। उन्हें श्रद्धांजलि दी गई।
कुछ पार्षदों ने महिला पार्षद से शोक संवेदना जताई तो उसने बताया कि ससुर जीवित हैं और मौत सास की हुई है। इसके बाद उत्तरी निगम की बैठक दोबारा हुई। उसमें सास को श्रद्धांजलि देते हुए जानकारी दी गई कि पार्षद के ससुर जीवित हैं।
कांग्रेस दल के नेता मुकेश गोयल ने इस घटना को बेहद अफसोसजनक बताते हुए गलती के लिए अधिकारियों पर निशाना साधा। हालांकि बाद में पता चला कि गलती पार्षद की तरफ से ही हुई थी। उन्होंने ही सास के निधन पर ससुर की मौत का शोक प्रस्ताव बैठक में पेश किया था।