
RGA News, दिल्ली
BCCI ने चीफ सलेक्टर एमएसके प्रसाद से अंबाती रायुडू के संन्यास और उनके साथ हुए मिस-मैनेजमेंट को लेकर सवाल किया है। ...
नई दिल्ली:- रविवार को बीसीसीआइ के चयनकर्ताओं ने वेस्टइंडीज दौरे के लिए टीम इंडिया का ऐलान किया। इसी के साथ टीम के मुख्य चयनकर्ता एमएसके प्रसाद ने इस बात की भी स्पष्टीकरण दिया कि इंजर्ड शिखर धवन और विजय शंकर की वजह स्टैंडबाय खिलाड़ी अंबाती रायुडू को वर्ल्ड कप 2019 के लिए टीम में शामिल क्यों नहीं किया गया।
एमएसके प्रसाद ने बताया, "अंबाती रायुडू को जब टी20 की फॉर्म के आधार पर वनडे टीम में जगह मिली थी तो चयनकर्ताओं की आलोचना हुई थी। हमने किसी भी खिलाड़ी के खिलाफ कोई गलत कदम नहीं उठाया है। जब अंबाती रायुडू फिटनेस टेस्ट में फेल हो गए थे तो हमने उन्हें फिटनेस प्रोग्राम के लिए डाला। अलग-अलग कॉम्बिनेशन के चलते रायुडू को पिक नहीं किया गया। ऐसे में सलेक्शन कमेटी पक्षपाती नहीं है।"
चीफ सलेक्टर एमएसके प्रसाद इस स्पष्टीकरण को सुनने के बाद बीसीसीआइ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने सवाल किया है कि किसी खिलाड़ी को केवल फिटनेस टेस्ट की पात्रता के आधार पर क्यों चुना जाता है और पात्रता ही एक खिलाड़ी के चयन का एकमात्र कारण है। किसने फिटनेस क्राइटेरिया डिसाइड किया क्या इसका कोई आधिकारिक सबूत है?"
BCCI अधिकारी ने आगे कहा, "अगर फिटनेस को लेकर कोई आधिकारिक बात नहीं हुई थी और बोर्ड ने कोई स्वीकारिता नहीं दी तो कोई खिलाड़ी फिटनेस टेस्ट में कैसे फेल हो सकता है। सलेक्टर को अपना बयान देने से पहले हर पहेलू पर ध्यान देना था। चयनकर्ता बताएं उन्होंने अंबाती रायुडू के साथ ऐसा क्यों किया कि उन्हें संन्यास लेने पर मजबूर होना पड़ा।"
बता दें कि वर्ल्ड कप 2019 के लिए 15 सदस्यीय टीम में नंबर चार के लिए अंबाती रायुडू का नाम सबसे आगे था, लेकिन विजय शंकर को थ्री डाइमेंशनल प्लेयर बताकर टीम में शामिल किया गया। उस दौरान चयनकर्ताओं ने बताया कि अंबाती रायुडू स्टैंडबाय प्लेयर हैं। इस बीच रायुडू ने थ्रीडी ग्लास वाला ट्वीट कर दिया, जो उनके लिए घातक साबित हुआ।
कुछ समय बाद वर्ल्ड कप के बीच में सलामी बल्लेबाज शिखर धवन चोटिल हो गए। धवन की जगह रिषभ पंत को इंग्लैंड भेज दिया गया। इसके बाद जब विजय शंकर चोटिल हुए तो सलामी बल्लेबाज जिसने एक वनडे तक नहीं खेला उन मयंक अग्रवाल को टीम में जगह मिली। इस तरह तीन बार इंतजार करने के बाद अंबाती रायुडू ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया।