RGA न्यूज़ दिल्ली
सच्चाई यह है कि इन्हें अर्थव्यवस्था की कोई सुध ही नहीं है। इसीलिए मंदी के समाधान का रास्ता भी इन्हें नहीं समझ में आ रहा।...
दिल्ली:- पीएमसी बैंक घोटाले के निवेशक की सदमे से हुई मौत को लेकर कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर कड़ा प्रहार किया है। पार्टी ने कहा है कि भारत को बहुमतवादी राष्ट्र में तब्दील करने की भाजपा सरकार की योजना ने अर्थव्यवस्था को पंगु बना दिया है।
लोगों में जिंदगी भर की कमाई बैंकों में सुरक्षित नहीं रहने का बना डर
आर्थिक संकट के चलते ही बैंक भी धराशायी हो रहे हैं और हालत इस मोड़ पर पहुंच गया है कि बैंकों में लोगों का पैसा सुरक्षित रहेगा इसकी गारंटी नहीं है।
पीएमसी बैंक के ग्राहक की सदमें से मौत
कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने कहा कि पीएमसी बैंक के एक ग्राहक संजय गुलाटी के अपना ही पैसा नहीं निकाल पाने के सदमे से हुई मौत आर्थिक संकट का मानवीय पक्ष है और इसकी अनदेखी नहीं की जा सकती। सच्चाई यह है कि सभी मानकों पर अर्थव्यवस्था लगातार गिर रही है। विदेशी निवेश, निर्यात, औद्योगिक उत्पादन, कर्ज, कृषि से लेकर आर्थिक क्षेत्र का कोई ऐसा सेक्टर नहीं बचा जहां हालत गंभीर नहीं हैं।
अर्थव्यवस्था के सारे पहिये घूमने बंद हो गए
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि अर्थव्यवस्था के सारे पहिये घूमने बंद हो गए हैं। इसीलिए बैंकों की आर्थिक हालत भी बदहाल हुई है। उपर से पीएमसी बैंक घोटाले, आइएलएफएस घोटाले के साथ स्टेट बैंक ऑफ इंडिया का 76 हजार करोड रुपये के कर्ज को माफ करने के फैसले ने बैंकिंग सेक्टर में भरोसे को तोड़ दिया है। तिवारी ने कहा कि जब बैंक घोटाला शुरू कर दें तो लोगों को यह लगेगा ही कि बैंकों में जमा उनकी जिंदगी भर की कमाई सुरक्षित नहीं है।
वित्तमंत्री के पति ने आर्थिक संकट का आंखों देखा हाल बयान किया
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण के पति प्रकला प्रभाकर के अर्थव्यवस्था पर लिखे लेख का हवाला देते हुए मनीष तिवारी ने कहा कि उन्होंने आंकड़ों के साथ आर्थिक संकट का आंखों देखा हाल बयान कर दिया है। यह भी साफ हो गया कि मौजूदा आर्थिक संकट एनडीए सरकार द्वारा मानव निर्मित आपदा है। बहुमतवाद का शोर है और यह मान्य बात है कि जहां सांप्रदायिक तनाव और भय का माहौल होगा वहां कोई विदेशी निवेशक या कंपनी पैसा नहीं लगााएगी।
मोदी सरकार आर्थिक संकट को स्वीकार नहीं कर रही
आर्थिक संकट को अब भी स्वीकार नहीं करने के सरकार के रवैये की आलोचना करते हुए तिवारी ने कहा कि सच्चाई यह है कि इन्हें अर्थव्यवस्था की कोई सुध ही नहीं है। इसीलिए मंदी के समाधान का रास्ता भी इन्हें नहीं समझ में आ रहा।
आंकड़ों के साथ छेड़छाड़ करने की कोशिश रुकनी चाहिए
अर्थशास्त्र के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित अभिजीत बनर्जी के अर्थव्यवस्था के आंकड़ों को लेकर पूर्व में किए गए सवाल की याद भी तिवारी ने सरकार को दिलाई। उन्होंने कहा कि बनर्जी ने 108 अर्थशास्त्रियों के साथ प्रधानमंत्री को बीते मार्च में पत्र लिखकर आंकड़ों के साथ छेड़छाड़ करने की सरकार में हो रही कोशिशों को रोकने के लिए कहा था।