
RGA न्यूज़ नई दिल्ली
नई दिल्ली:- हांगकांग में स्थानीय निकाय में भारी मतदान के बीच यक्ष सवाल यह है कि क्या वहां लोकतंत्र की सुलग रही आंच खत्म हो गई। क्या लोकतंत्र के लिए छह माह पूर्व शुरू हुआ हिंसक आंदोलन का दौर खत्म हो जाएगा। इस चुनाव में भारी मतदान को लेकर हांगकांग सरकार भले अपनी पीठ थपथपाए। चुनाव में शांतिपूर्ण मतदान को कैरी लैम प्रशासन की सफलता बताया जा रहा है। लेकिन हांगकांग सरकार की मुश्किलें अभी खत्म नहीं हुई है। हांगकांग में अब यह संघर्ष अब और दिलचस्प हो गया है। इस जंग में अमेरिका के कूद जाने से यहां लड़ाई बीजिंग और वाशिंगटन की सीधे-सीधे शुरू हो चुकी है। अमेरिका इसी जुगत में था कि उसे चीन में हस्तक्षेप करने का मौका मिले। इस मामले में हांगकांग समस्या उसके लिए बेहतर और सटीक हथियार है।
ड्रैगन और अमेरिका आमने-सामने
हांगकांग में मामले में चीन बहुत फूंक-फूंक कर कदम रख रहा है। उसने अब तक इस आंदोलन पर सीधे हस्तक्षेप नहीं किया है। हांगकांग में लोकतंत्र समर्थकों का आंदोलन उसके लिए धैर्य की नई परीक्षा भी है। लेकिन हांगकांग सरकार ने जिस तरह से इस आंदोलन काे दबाने के लिए पुलिस बल का सहारा लिया है, उससे अमेरिका की दिलचस्पी बढ़ गई है। हांगकांग आंदोलन में अमेरिकी दिलचस्पी ड्रैगन को राश नहीं आ रही है। इस बाबत वह अमेरिकी प्रशासन को सचेत कर चुका है। चीन का मानना है कि हांगकांग की समस्या चीन का आंतरिक मामला है। इस पर अमेरिका को हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। जाग गया है। चल रहे हिंसक प्रदर्शन पर चीन ने अभी तक धैर्य बनाकर रखा है।
लेकिन हांगकांग में अमेरिकी दिलचस्पी के चलते यह वाशिंगटन और बीजिंग के लिए रण का नया क्षेत्र बन गया है। चीन ने अमेरिका से साफ कहा है कि हांगकांग में अमेरिका के दखल से राजनीतिक अस्थिरता उत्पन्न होगी। यह वैभवपूर्ण हांगकांग के लिए शुभ नहीं होगा। चीन ने कहा कि अमेरिकी दखल को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। चीन ने चेतावनी भरे लहजे में कहा था कि अमेरिका को इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।
सीनेट से हांगकांग को लेकर बिल पास
अमेरिकी सीनेट मे भी हांगकांग लोकतंत्र समर्थकों की आवाज सुनाई पड़ी। अमेरिकी सीनेट ने लोकतंत्र समर्थकों के पक्ष में हांगकांग मानवाधिकार और लोकतंत्र अधिनियम को पारित किया। हालांकि अभी इस बिल पर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को हस्ताक्षर नहीं किए हैं। ट्रंप के हस्ताक्ष के बाद यह बिल कानून का रूप अख्त्यिार कर लेगा। उस वक्त सीनेटर डिक डर्बिन ने कहा था कि हाउस ने बिल को पास कर दिया, अब गेंद राष्ट्रपति ट्रंप के पाले में है। उन्होंने कहा कि ट्रंप इस पर हस्ताक्षर करें और यह संकेत दें कि अमेरिका, हांगकांग के लोगों के साथ खड़ा है।
क्या है हांगकांग मानवाधिकार एवं लोकतंत्र अधिनियम, 2019
गौरतलब है कि हांगकांग के लोकतंत्र समर्थकों के प्रति एकजुटता दिखाते हुए अमेरिकी संसद के उच्च सदन सीनेट ने सर्वसम्मति से एक बिल पारित किया है। हांगकांग मानवाधिकार एवं लोकतंत्र अधिनियम, 2019 नामक इस बिल को सीनेट ने मंगलवार को पारित किया। इसके तहत विदेश मंत्री को साल में कम से कम एक बार यह प्रमाणित करना होगा कि हांगकांग के पास अब भी इतनी स्वायत्तता है कि उसे अमेरिका के साथ व्यापार में विशेष महत्व दिया जाए। यह बिल ट्रंप प्रशासन को इस बात का आकलन करने की शक्तियां प्रदान करेगा कि क्या इस अहम वैश्विक आर्थिक केंद्र में राजनीतिक अशांति के कारण उसे अमेरिकी कानून के तहत मिले विशेष दर्जे में बदलाव लाना उचित है या नहीं।