RGA न्यूज़ दिल्ली
भारत इस दिशा में नेतृत्व वाली भूमिका में उभरकर सामने आया है। उल्लेखनीय है कि मैड्रिड में दो से 13 दिसंबर तक कोप 25 सम्मेलन का आयोजन किया गया है।...
नई दिल्ली:- पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री (Minister of Environment, Forest and Climate Change) प्रकाश जावडेकर (Prakash Javadekar) ने कहा है कि भारत मैड्रिड में होने वाले जलवायु सम्मेलन (Climate Conference) में रचनात्मक दृष्टिकोण से भाग लेगा और अपने दीर्घकालीन विकास हितों को सुरक्षित रखने के लिए काम करेगा। जावडेकर ने स्पेन के मैड्रिड में आयोजित सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए रवाना होने से पहले शनिवार को कहा कि जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को कम करने में भारत ने उल्लेखनीय प्रयास किया है।
मैड्रिड में 02 से 13 दिसंबर तक कोप 25 सम्मलेन का आयोजन
भारत इस दिशा में नेतृत्व वाली भूमिका में उभरकर सामने आया है। उल्लेखनीय है कि मैड्रिड में दो से 13 दिसंबर तक कोप 25 सम्मेलन का आयोजन किया गया है। सम्मेलन के अंतिम दौर में मंत्री स्तरीय बातचीत होगी। इस दौरान सभी देश पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटने के लिए किए जा रहे प्रयासों और भविष्य की कार्ययोजना पर विचार-विमर्श करेंगे।
अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन का सबसे पहले मोदी ने रखा था प्रस्ताव
जावडेकर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सबसे पहले विश्व समुदाय के समक्ष अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन और आपदा प्रबंधन के लिए देशों का समूह बनाने का प्रस्ताव रखा था। उन्होंने कहा कि 450 गीगावाट अक्षय ऊर्जा उत्पादन करने के अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए भारत के महत्वाकांक्षी कार्यक्रम ने विश्व समुदाय का ध्यान आकृष्ट किया है। यह विश्व का सबसे बड़ा अक्षय ऊर्जा कार्यक्रम है।
भारत ने कार्बन उत्सर्जन में की 22 फीसद की कमी
उन्होंने कहा कि भारत ने न सिर्फ कार्बन उत्सर्जन में 22 फीसद की कमी की है, बल्कि वनक्षेत्र के बाहर हरित क्षेत्र में बढ़ोतरी करने वाला दुनिया के चुनिंदा देशों में शुमार हुआ है। कोप सम्मेलन में होने वाली बातचीत को लेकर भारत के रुख को तय करने वाली रणनीति को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 27 नवंबर को मंजूरी दे दी थी।