RGA न्यूज़ दिल्ली
नई दिल्ली:- नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में शुक्रवार को उत्तर प्रदेश, बंगाल और दिल्ली में कई जमकर प्रदर्शन हुए। उप्र में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) में छात्रों ने चौथे दिन चार घंटे प्रदर्शन किया। छात्रों ने धक्का-मुक्की भी की जिसमें डीएम चंद्रभूषण सिंह गिरने से बचे। कई अन्य जिलों में भी लोग सड़क पर निकल आए। जुमे की नमाज के चलते अलीगढ़ शहर में पुलिस ने खास सर्तकता बरती।
अलीगढ़ में गुरुवार रात 12 बजे से बंद की गई इंटरनेट सेवा शुक्रवार की देर शाम बहाल कर दी गई। सहारनपुर में जामा मस्जिद पर जुमे की नमाज के बाद मुस्लिम समाज के लोगों ने विधेयक के विरोध में केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी और हंगामा किया।
देवबंद में जमीयत उलेमा-ए-हिंद के प्रस्तावित प्रदर्शन को अनुमति न मिलने के कारण तकरीर आदि नहीं हुई। बुलंदशहर, बिजनौर में जमीयत-उलमा-ए-हिंद के पदाधिकारियों, कार्यकर्ताओं ने विरोध जुलूस निकाला। बागपत, मुजफ्फरनगर, शामली में जुमे की नमाज के बाद विरोध प्रदर्शन हुआ।
मेरठ की शाही जामा मस्जिद में जुमे की नमाज से पहले तकरीर करते हुए शहर काजी जैनुस साजिदीन ने कहा कि केंद्र सरकार मुसलमानों को दूसरे दर्जे का नागरिक बनाना चाहती है। आगरा में मुस्लिम बहुल क्षेत्रों के बाजार में सुबह से ही दुकानें नहीं खुलीं। जगह-जगह काले झंडे लगाए गए।
बंगाल में स्टेशनों में आगजनी-तोड़फोड़
बंगाल में भी इस कानून का विरोध हुआ। हजारों की संख्या में लोगों ने दक्षिण पूर्व रेलवे और पूर्व रेलवे के विभिन्न स्टेशनों में ट्रेन संचालन ठप कर दिया। रेल पटरी पर टायर जलाने के साथ ही स्टेशनों में भी तोड़फोड़ और आगजनी की गई। ट्रेनों में भी पथराव किया गया। रेल कर्मचारियों और आरपीएफ जवानों को दौड़ा कर पीटा गया।
विरोध में उतरे जामिया के छात्र-शिक्षक
नागरिकता संशोधन कानून और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर के विरोध में शुक्रवार को दिल्ली में जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं व शिक्षकों ने मार्च निकालकर विरोध प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन में स्थानीय लोग भी शामिल हुए। प्रदर्शन के दौरान पुलिस द्वारा लगाए गए बैरिकेड को तोड़ने का प्रयास करने पर पुलिस ने छात्रों पर लाठियां बरसाई तो प्रदर्शनकारियों ने भी पुलिस पर जमकर पथराव किया। कई छात्र व पुलिसकर्मी इस प्रदर्शन में घायल हुए हैं।
पूर्वोत्तर हिंसा के कारण कई देशों ने नागरिकों को किया आगाह
पूर्वोत्तर राज्यों में हालात को देखते इजरायल, फ्रांस और ब्रिटेन जैसे देशों ने अपने नागरिकों को आगाह किया है कि वे फिलहाल भारत के हिंसाग्रस्त क्षेत्रों में जाने से बचें।
ब्रिटेन के विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी एक संक्षिप्त विज्ञप्ति में कहा गया है, 'नागरिकता संशोधन अधिनियम के बाद देश के कुछ हिस्सों में प्रदर्शन हो रहे हैं। पूर्वोत्तर क्षेत्र में खास तौर पर असम और त्रिपुरा में हिंसात्मक प्रदर्शन हो रहे हैं। ऐसे में वहां जाने वालों को एहतियात बरतनी चाहिए।' फ्रांस ने अपने नागरिकों को पूर्वोत्तर राज्यों में हिंसा के साथ ही प्रदूषण की वजह से दिल्ली जाने को लेकर भी आगाह किया है।