इयान बिशप ने किया खुलासा, बोले- इन देशों में गेंद को चमकाने में कोई परेशानी नहीं होगी

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RGA न्यूज़ नई दिल्ली संवाददाता

EXCLUSIVE इयान बिशप ने कहा है कि गर्म जगहों पर गेंद को चमकाने के लिए लार की जगह पसीना काम आएगा।...

नई दिल्ली:- (RGA न्यूज़ नेटवर्क)  वेस्टइंडीज के पूर्व तेज गेंदबाज और मौजूदा कॉमेंटेटर इयान बिशप का मानना है कि विश्व क्रिकेट की नजर आठ जुलाई से शुरू होने वाली इंग्लैंड बनाम वेस्टइंडीज टेस्ट सीरीज पर लगी हुई है, क्योंकि कोरोना वायरस महामारी के बीच ही इस सीरीज के साथ ही अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की बहाली होगी। यह सीरीज बिना दर्शकों के होगी और खिलाड़ियों को भी कोरोना से बचने के लिए कई नियमों का पालन करना होगा। कैरेबियाई दिग्गज इयान बिशप से वीडियो कॉल पर अभिषेक त्रिपाठी ने कई अहम मुद्दों पर बातचीत की। पेश हैं मुख्य अंश :

गेंद पर लार के प्रयोग पर प्रतिबंध को लेकर आप क्या कहेंगे?

-गेंद पर लार के प्रयोग के इस्तेमाल पर प्रतिबंध का प्रभाव पड़ेगा। श्रीलंका, कैरेबियाई देशों, भारत और इंग्लैंड में जबरदस्त गर्मी वाले दिनों में यह प्रभाव कम होगा। ज्यादा आ‌र्द्रता वाली जगह में खिलाड़ियों को ज्यादा पसीना आएगा। वहां पर गेंदबाज और खिलाड़ी गेंद को चमकाने के लिए लार की जगह पसीने का इस्तेमाल कर सकते हैं। ऐतिहासिक तौर पर गेंद को चमकाने और स्विंग, खासतौर पर रिवर्स स्विंग हासिल करने के लिए लार का उपयोग होता है लेकिन अब खिलाड़ियों को स्मार्ट होना होगा। जहां पर ठंड है जैसे उत्तरी इंग्लैंड में जहां पसीना भी नहीं आता है। वहां पर दिक्कत आएगी। ऐसे में आपको ऐसी पिचें बनानी होंगी जो तेज गेंदबाजों को स्पिनरों के मुकाबले में ज्यादा मदद करें। कोरोना के कारण खिलाडि़यों का व्यवहार भी बदला है। अगर आप पिछली सदी के पांचवें या छठे दशक के टेप देखें तो पता चलेगा कि उस समय गेंदबाज के विकेट लेने के बाद साथी ताली बजाते थे। अब भी कुछ ऐसा ही नजर आएगा। किसी ने नहीं सोचा था कि इस तरह का समय आएगा, लेकिन खिलाड़ियों का स्वास्थ्य सर्वोपरि है।

इंग्लैंड और वेस्टइंडीज सीरीज में दर्शक नहीं होंगे तो क्या लगता है कि इसका कितना असर पड़ेगा?

-अगर आप यूएई में टेस्ट मैच खेलते हैं तो वहां बहुत ही कम दर्शक मैदान पर होते हैं। ज्यादा से ज्यादा सुरक्षाकर्मी और अधिकारी दिखते हैं। प्रथम श्रेणी क्रिकेट में भी जब खिलाड़ी खेलते हैं तो वहां भी दर्शक कम रहते हैं। पिछले कुछ टेस्ट मैचों में भी यहीं देखने को मिला है। मुझे लगता है कि खिलाड़ियों ने भी इसे अपना लिया है। क्रिकेट की गुणवत्ता अच्छी है और मुझे नहीं लगता है कि इस पर कोई प्रभाव पड़ा है। अभी विश्व क्रिकेट की निगाह इंग्लैंड और वेस्टइंडीज सीरीज पर है। लोग टीवी और ऑनलाइन इसे देखें

मौजूदा भारतीय तेज गेंदबाजी इकाई के बारे में आप क्या कहना चाहेंगे?

-भारतीय तेज गेंदबाजी के साथ अच्छी बात यह है कि उनके पास अलग-अलग स्किल वाले गेंदबाज हैं। अगर आप जसप्रीत बुमराह की बात करें तो उनके पास आक्रामकता है। वह गेंद को अच्छी तरह कंट्रोल करते हैं। उनकी गेंद में मूवमेंट है। इशांत शर्मा लंबे हैं। उनको बाउंस मिलता है। वह अनुभवी हैं और लगातार अच्छा प्रदर्शन करते हैं। मोहम्मद शमी की गेंद स्किड करती है और उनमें तेजी है। उमेश यादव का प्रदर्शन भी अच्छा है। जब ये सब फिट हों और आक्रमण के लिए तैयार हों तो उनका कोई मुकाबला नहीं है। मैं वेस्टइंडीज के अपने समय के गेंदबाजी आक्रमण से उसकी तुलना नहीं करना चाहूंगा। उनकी तुलना नहीं की जा सकती है लेकिन भारत का वर्तमान भारतीय तेज गेंदबाजों का ग्रुप किसी भी परिस्थितियों में शानदार है और यही कारण है कि हालिया समय में भारत ने हर जगह शानदार प्रदर्शन किया है।

पिछले एक साल में वेस्टइंडीज के गेंदबाजों ने भी शानदार प्रदर्शन किया है तो क्या इसके पीछे कैरेबियाई पिचें हैं? क्या आपको जोफ्रा आर्चर के इंग्लैंड जाने का दुख है?

-पिछले तीन सत्रों में क्रिकेट वेस्टइंडीज ने तेज गेंदबाजों के लिए अच्छी पिचें तैयार की हैं। गेंदबाजों को इससे स्विंग मिलती है और बल्लेबाजों को काफी परेशानी हुई है। पिचों पर काफी घास छोड़ी गई है और हार्ड पिचें तैयार की गई हैं। मेरे कई साथियों ने भी कहा कि पिछले तीन सत्रों में गेंदबाजों ने बेहतरीन काम किया है। आधुनिक खिलाड़ियों में मुझे आर्चर का गेंदबाजी एक्शन पसंद है। मैं बिलकुल पसंद करूंगा कि आर्चर वेस्टइंडीज के लिए खेलें, लेकिन वह अपनी प्रतिभा से इंग्लैंड के लिए खेल रहे हैं और मैं उनके लिए खुश हूं। आर्चर ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सभी जगह खुद को साबित किया है। 

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