उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री व पूर्व भारतीय सलामी बल्लेबाज चेतन चौहान का निधन

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RGA न्यूज़ उत्तर प्रदेश मुरादाबाद

उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री व पूर्व भारतीय सलामी बल्लेबाज चेतन चौहान का रविवार को 73 साल की उम्र में निधन हो गया। यूपी के मंत्री चेतन चौहान का निधन दिल का दौरा पड़ने से हो गया।कोरोना से संक्रमित चौहान गुरूग्राम में मेदांता अस्पताल में भर्ती थे। चौहान पिछले महीने कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे। उनके अंगों ने काम करना बंद कर दिया है और वह गुरूग्राम के अस्पताल में वेंटिलेटर पर थे।

11 जुलाई को हुआ था कोरोना
उत्तर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री चौहान को 11 जुलाई को कोरोना जांच में पॉजिटिव पाए जाने के बाद लखनऊ के संजय गांधी पीजीआई अस्पताल में भर्ती कराया गया था। 15 जुलाई को उन्हें लखनऊ के पीजीआई से गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल शिफ्ट किया गया था।
कल तबियत ज्यादा खराब होने पर वेंटिलेटर पर शिफ्ट किया गया था। यूपी के दूसरे मंत्री की कोरोना की वजह से मौत। इससे पहले कमल रानी वरुण की भी कोरोना की वजह से मौत हुई थी। अमरोहा जिले की नौगांवा विधानसभा के विधायक चेतन चौहान ने पिछले महीने 21 जुलाई को उन्होंने अपना 73वां जन्मदिन मनाया था। किडनी ने काम करना बंद कर दिया था
शनिवार को डीडीसीए के एक सीनियर अधिकारी ने बताया था, 'सुबह चेतन जी की किडनी ने काम करना बंद कर दिया और फिर कई अंगों ने। वह लाइफ सपोर्ट पर हैं। हम दुआ कर रहे हैं कि यह जंग वह जीत जाए।' भारत के लिए 40 टेस्ट खेलने वाले चौहान लंबे समय तक सुनील गावस्कर के सलामी जोड़ीदार रहे। वह दिल्ली और जिला क्रिकेट संघ में भी विभिन्न पदों पर रहे और ऑस्ट्रेलिया दौरे पर भारतीय टीम के मैनेजर भी थे।

एक नजर राजनीतिक सफर पर
चेतन चौहान ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के टिकट से 1991 में अमरोहा में चुनाव लड़ा और वे वहां से सांसद चुने गए थे। इसके बाद एक बार फिर 1996 में भाजपा ने उन्हें इसी मैदान में चुनावी जंग के लिए उतारा, लेकिन इस बार वे हार गए थे।1998 में चेतन चौहान एक बार फिर सांसद चुने गए थे। वहीं, साल 1999 और 2004 के लोकसभा चुनाव में भी उन्होंने अपनी किस्मत आजमाई, लेकिन हार का सामना करना पड़ा था।

बिना शतक लगाए दो हजार रन बनाने वाले दुनिया के पहले क्रिकेटर थे चौहान
यूपी के कैबिनेट मंत्री व पूर्व सलामी बल्लेबाज चेतन चौहान का जन्म 21 जुलाई 1947 को हुआ था। उन्होंने अपना करियर एक क्रिकेटर के तौर पर शुरू किया था। सुनील गावस्कर के साथ उनकी जोड़ी बेहद लोकप्रिय थी। भारत के इस पूर्व सलामी बल्लेबाज ने 40 टेस्ट मैचों में 2084 रन बनाए और उनका सार्वाधिक स्कोर 97 रहा। इसके अलावा उन्होंने सात वन-डे अंतरराष्ट्रीय मैच भी खेले थे। करियर में बिना शतक लगाए दो हजार रन बनाने वाले वह दुनिया के पहले क्रिकेटर थे।

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