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RGA न्यूज़
Top four money myths millennials must debunk
नई दिल्ली। पैसा को लेकर कई लोगों के भीतर अक्सर मिथक भरा रहता है। पैसा लगाने, खर्च करने और बचत करने क्व समय लोग पुराने मिथकों पर सोचने लगते हैं। अक्सर लोग निवेश, खर्च करने की शैली और पैसे बचाने के संबंध में कई कथन और मिथक के चक्कर में पड़ जाते हैं। हालांकि, मिथक वाली बात सबपर लागू नहीं होती, हो सकता है किसी एक ने कभी कुछ सोचा है और उसपर वो लागू हो गया हो। लेकिन, इसका मतलब यह कतई नहीं है कि धन की आवश्यकता की तेजी से बदलती दृश्य में कोई ऐसी एक बात हो जो सभी पर लागू हो। इस खबर में ऐसी ही कुछ मिथक के बारे में बता रहे हैं जिनसे आपको बचना चाहिए।
ऑनलाइन खरीदारी में छूट: लोगों ने एक भ्रम पाल रखा है कि आकर्षक छूट देने वाले ऑनलाइन शॉपिंग कंपनियों से खरीदारी पर फायदा मिलेगा। छूट के वक्त ज्यादातर लोगों को लगता है कि ऑफर सीमित समय के लिए है, जल्द से जल्द खरीदारी कर लो नहीं तो छूट हाथ से निकल जाएगा।
म्युचुअल फंड SIP सुरक्षित है: म्युचुअल फंड का सब कुछ बाजार पर निर्भर करता है। ऐसा नहीं है कि म्युचुअल फंड में निवेश कर दिया तो यह पूरी तरह जोखिम रहित है। लोगों में एक आम धारणा यह है कि म्युचुअल फंड SIP सुरक्षित है, इसमें पैसा लगाने पर नहीं डूबेगा।
ज्यादा पैसे से निवेश: एक व्यक्ति 100 रुपये से कम में निवेश और बचत शुरू कर सकता है। आप एक बार कम पैसों से निवेश शुरू कर लें और धीरे धीरे उसे बढ़ाएं। निवेश की बात पर लोग अक्सर सोचते हैं कि इसके लिए बड़ी राशि की आवश्यकता होगी, अन्यथा निवेश करने का कोई फायदा नहीं है। यह बिलकुल गलत है।
ज्यादा क्रेडिट कार्ड मतलब कर्ज को न्योता: कर्ज बढ़ने की बात आपकी आदत और जरुरत पर निर्भर करता है, एक व्यक्ति के कर्ज में जाने के पीछे का कारण उसके खर्च की आदत और कर्ज के रीपेमंट पर निर्भर करता है। ऐसा बिकुल नहीं है कि आपके पास ज्यादा क्रेडिट कार्ड होगा तो आप कर्ज के जाल में फंस जाएंगे। क्रेडिट कार्ड की अधिक संख्या से भी आप एक समय बाद अच्छे लोन के हक़दार हो सकते हैं। क्रेडिट कार्ड की संख्या जितनी अधिक होगी, आपका कर्ज उतना ही ज्यादा होगा, यह दावा भी गलत है।