वित्त मंत्रालय ने किया स्पष्ट, किसी भी पब्लिक सेक्टर बैंक ने सर्विस चार्ज में नहीं की है कोई बढ़ोत्तरी

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RGA न्यूज़

BoB ने कहा है कि कोविड-19 की वजह से उसने नियमों में बदलाव के फैसले को वापस ले लिया है।

नई दिल्ली। वित्त मंत्रालय ने मंगलवार को स्पष्ट किया कि किसी भी पब्लिक सेक्टर बैंक ने सेवा शुल्क में किसी तरह की वृद्धि नहीं की है। मंत्रालय ने कहा कि बैंक ऑफ बड़ौदा ने भी हर महीने बैंक अकाउंट में बिना किसी शुल्क के नकदी जमा करने की संख्या में कमी लाने के निर्णय को वापस ले लिया है। उल्लेखनीय है कि बैंक ऑफ बड़ौदा ने हर माह बिना किसी शुल्क के नकदी जमा करने और निकालने की संख्या को घटाने के लिए नियमों में कुछ बदलाव किए थे, जो एक नवंबर, 2020 से प्रभावी होने वाले थे।

बैंक ने पहले कहा था कि हर महीने बिना किसी शुल्क के नकदी जमा करने और निकालने की संख्या को पांच-पांच से घटाकर तीन-तीन करने का निर्णय किया गया है।  

वित्त मंत्रालय ने कहा है, ''बैंक ऑफ बड़ौदा ने इसके बाद सूचित किया है कि कोविड-19 से जुड़ी मौजूदा परिस्थितियों में उसने नियमों में बदलाव के फैसले को वापस ले लिया है। इसके अलावा किसी अन्य बैंक ने हाल में इस तरह के शुल्क में कोई वृद्धि नहीं की है।'' 

हालांकि, आरबीआई के दिशा-निर्देशों के मुताबिक पब्लिक सेक्टर बैंक (PSBs) सहित सभी बैंक अपनी सर्विसेज के लिए उचित, पारदर्शी और बिना किसी भेदभाव के शुल्क लगा सकते हैं। वित्त मंत्रालय ने कहा है कि अन्य पब्लिक सेक्टर बैंकों ने भी उसे सूचित किया है कि कोविड-19 महामारी की वजह से निकट भविष्य में बैंक से जुड़े सर्विस चार्जेज में बढ़ोत्तरी करने का उनका कोई प्रस्ताव नहीं है।  

वित्त मंत्रालय ने कहा कि जहां तक बेसिक सेविंग्स बैंक डिपोजिट (BSBD) अकाउंट्स का सवाल है, तो इन 60.04 करोड़ अकाउंट्स पर कोई सर्विस चार्ज नहीं लगता है। इनमें 41.13 करोड़ जनधन खाते भी शामिल हैं।  

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