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RGA न्यूज़
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को आम बजट पेश करेंगी।
education budget अगर पिछले तीन वर्षों के आंकड़ों को देखा जाए तो शिक्षा के लिए बजटीय आवंटन 2017-18 में जीडीपी के 3.71 प्रतिशत से घटकर 2018-19 में जीडीपी का 3.48 प्रतिशत और 2019-20 में 3.2 प्रतिशत हो गया है।
नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को आम बजट पेश करेंगी। यह मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का तीसरा बजट होगा। इस साल का बजट बाकी बजट से अलग होगा। दरअसल, कोरोना महामारी से पूरी अर्थव्यवस्था चरमरा गई है, ऐसे में बजट के दरम्यान सभी क्षेत्रों में जान फूंकने की कोशिश रहेगी। अगर शिक्षा क्षेत्र की बात की जाए तो महामारी की वजह से इस बार ऑनलाइन लर्निंग पर ज्यादा जोर रहा है। देश को इस बार केंद्र सरकार से केंद्रीय बजट में शिक्षा क्षेत्र को लेकर कई उम्मीदें हैं। राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) ने पहले ही देश के शिक्षा क्षेत्र को बदलने की गति निर्धारित कर दी है। इसे शिक्षा में आवश्यक सुधार लाने के स्पष्ट इरादों के साथ रखी गई एक 'मजबूत नींव' के तौर पर देखा जा रहा है।
महामारी और लॉकडाउन के अचानक सामने आने से शिक्षण संस्थान या यहां तक कि शिक्षक और छात्र भी ऑनलाइन सीखने के लिए तैयार नहीं थे। क्योंकि इसमें इंटरनेट कनेक्टिविटी या स्कूलों के लिए वित्तीय चुनौतियों जैसी तकनीकी मसले सामने आ रहे थे। अगर पिछले तीन वर्षों के आंकड़ों को देखा जाए तो शिक्षा के लिए बजटीय आवंटन 2017-18 में जीडीपी के 3.71 प्रतिशत से घटकर 2018-19 में जीडीपी का 3.48 प्रतिशत और 2019-20 में 3.2 प्रतिशत हो गया है। पिछले वित्तीय वर्ष में, सरकार ने शिक्षा क्षेत्र के लिए 99,300 करोड़ रुपये आवंटित किए थे। इस बार के बजट से क्या हैं उम्मीदें आइए जानते हैं.
NEP का रणनीतिक कार्यान्वयन
बजट 2021 में एनईपी को पर्याप्त धन आवंटन सुनिश्चित करना और केंद्र और राज्य स्तर के निकायों को सशक्त बनाने पर जोर होना चाहिए
शिक्षा में AI और अन्य तकनीकों को बढ़ावा देना जरूरी
शिक्षा क्षेत्र में डिजिटल लर्निंग और आर्टिफीसियल इंटीलिजेंस का महत्व रहा है। इस बार के बजट में तकनीकों को बढ़ावा देने पर सरकार से मजबूत समर्थन की उम्मीद है। कोरोना महामारी से डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा मिल
प्रो डॉ. संजीव मारवाह, निदेशक, जेके बिजनेस स्कूल ने कहा, हम उम्मीद करते हैं कि केंद्रीय बजट 2021 शिक्षा क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाएगा। नई शिक्षा नीति NEP ने हमारे देश की उच्च शिक्षा प्रणाली में आक्रामक बदलाव लाए हैं, इससे सीखने की ललक को बढ़ावा मिला, वैचारिक समझ बढ़ाने पर जोर रहा मिश्रित शिक्षा पर जोर दिया।
उन्होंने कहा, हम उम्मीद करते हैं कि आने वाले बजट में डिजिटल और पारंपरिक शिक्षा दोनों को बढ़ावा मिलना चाहिए। इसके साथ, एक और महत्वपूर्ण पहलू जिसे केंद्रीय बजट 2021 में देखा जा रहा है वो यह कि वित्तीय सहायता जो निजी क्षेत्र की संस्थाओं को दी जा सकती है, जिसमें कम लागत और शून्य-लागत कर्ज शामिल हैं, जो कई देशों में
शिक्षण संस्थानों को मजबूत बनाने पर जोर
शैक्षिक संस्थान भारत की रीढ़ हैं और छात्रों का भविष्य इन संस्थानों पर निर्भर करता है। कोरोना महामारी से बहुत सारे शैक्षणिक संस्थानों को बंद करना पड़ा। एक्सपर्ट का कहना है कि इसे देखते हुए सरकार इन संस्थानों को मजबूत करे और विभिन्न सहायता दे।
एजुकेशन लोन में आसानी
एजुकेशन लोन की उच्च-ब्याज दरों से छात्र और परिवारों के लोग बच्चे के रुचि के पाठ्यक्रम में चयन नहीं करा पाते। लॉकडाउन के दौरान तमाम अभिवावकों से बात की गई, जिनका कहना था कि शिक्षा लोन पर कोई ब्याज नहीं होना चाहिए। दिल्ली में रहकर प्रोफेशनल कोर्स के लिए तैयारी करने वाले विपुल तिवारी ने कहा, सरकार शिक्षा लोन में ब्याज दरों में छूट पर विचार करे, ये हम सभी छात्रों के लिए बहुत बड़ी बात होगी। इससे हम आगे चलकर अपने-मन मुताबिक पाठ्यक्रम में दाखिला ले पाएंगे
ऑनलाइन लर्निंग के लिए बेहतर इन्फ्रास्ट्रक्चर
ऑनलाइन लर्निंग के बढ़ते ट्रेंड को देखते हुए सरकार को इसके आगे बढ़ाने पर विचार करना चाहिए। एक्सपर्ट का मानना है कि सरकार ऑनलाइन शिक्षा का समर्थन करने के लिए बेहतर बुनियादी ढांचे और बेहतर इंटरनेट सेवाओं के निर्माण की दिशा में कदम उठाएगी।
उच्च बजट आवंटन
एक्सपर्ट को उम्मीद है कि सरकार उच्च बजटीय आवंटन के माध्यम से शिक्षा क्षेत्र पर विशेष ध्यान देगी, जो इस क्षेत्र को बुनियादी ढांचे, संस्थानों, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के मामले में आगे बढ़ाने के लिए सहायक है।