अक्टूबर से जनवरी के दौरान देश में चीनी का उत्पादन 25.37 फीसद की बढ़त के साथ 176.8 लाख टन रहा: ISMA

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देश में चीनी का उत्पादन PC: Pixabay

इस्मा का अनुमान है कि 2020-21 के विपणन सत्र में कुल चीनी उत्पादन 302 लाख टन रह सकता है। यह आंकड़ा वर्ष 2019-20 में 274.2 लाख टन था। इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन के मुताबिक मौजूदा विपणन सत्र में जनवरी तक करीब 491 चीनी मिलें चालू थीं।

नई दिल्ली। चीनी मिलों ने अक्टूबर महीने से शुरू चालू चीनी वर्ष के पहले चार महीनों में 176.8 लाख टन चीनी का उत्पादन किया है। यह एक साल पहले की समान अवधि के मुकाबले 25.37 फीसद अधिक है। चीनी उद्योग के संगठन इस्मा ने मंगलवार को यह जानकारी दी। इस्मा के एक बयान के अनुसार, एक साल पहले की समान अवधि में चीनी उत्पादन 141 लाख टन था। चीनी की बिक्री अक्टूबर-दिसंबर के दौरान लगभग पिछले साल के बराबर 67.5 लाख टन बताई गई है।

इस्मा का अनुमान है कि 2020-21 के विपणन सत्र में कुल चीनी उत्पादन 302 लाख टन रह सकता है। यह आंकड़ा वर्ष 2019-20 में 274.2 लाख टन था। इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन के मुताबिक, मौजूदा विपणन सत्र में जनवरी तक करीब 491 चीनी मिलें चालू थीं, जबकि एक साल पहले की समान अवधि में यह आंकड़ा 447 था।

देश के प्रमुख चीनी उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश में उत्पादन इस साल थोड़ा कम रहा। वहीं, महाराष्ट्र में उल्लेखनीय तेजी देखने को मिली है। उत्तर प्रदेश में चीनी उत्पादन इस सत्र में जनवरी तक 5.44 मिलियन टन रहा। यह एक साल पहले की समान अवधि में 5.49 मिलियन टन रहा था। वहीं, महाराष्ट्र में उत्पादन बढ़कर 6.38 मिलियन टन रहा।

इस्मा ने बजट में डिनेचर्ड एथिल अल्कोहल पर आयात शुल्क को 2.5 फीसद से बढ़ाकर पांच फीसद करने के प्रस्ताव का भी स्वागत किया। इस्मा ने कहा कि यह आयात शुल्क बढ़ने से भारतीय चीनी उद्योग द्वारा उत्पादित घरेलू गुड़ और शराब की मांग बढ़ेगी।

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