पूरी तरह ऑटोमैटिक नहीं रह जाएगा रिकरिंग पेमेंट, भुगतान की तारीख से पहले ग्राहकों की अनुमति लेना होगा जरूरी

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रिजर्व बैंक ने ग्राहकों के हितों को देखते हुए सुरक्षा के नए कदम उठाए हैं। एएफए के तहत रिकरिंग पेमेंट पूरी तरह से ऑटोमैटिक नहीं रहेंगे। भुगतान की तारीख से पहले ग्राहकों को सूचना दी जाएगी और बैंकों को ग्राहक की अनुमति भी लेनी होगी

नई दिल्ली। पहली अप्रैल से विभिन्न सेवाओं की रिकरिंग पेमेंट ऑटोमैटिक नहीं रह जाएगी। ऐसी सेवाओं के लिए बैंकों व अन्य वित्तीय संस्थानों को रिजर्व बैंक के निर्देशों का पालन सुनिश्चित करना होगा। ऐसा करने में अक्षम रहने पर उनकी रिकरिंग पेमेंट सेवाएं बाधित हो जाएंगी। बैंक और पेमेंट गेटवे इन निर्देशों के पालन के लिए अतिरिक्त समय मांग रहे हैं।

चार दिसंबर को रिजर्व बैंक ने सभी बैंकों, गैर बैंकिंग वित्तीय संस्थानों और पेमेंट गेटवे को निर्देश जारी करते हुए कहा था कि एडिशनल फैक्टर ऑफ ऑथेंटिकेशन (एएफए) का अनुपालन नहीं करने पर 31 मार्च, 2021 के बाद कार्ड, प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रुमेंट या यूपीआइ से होने वाली रिकरिंग पेमेंट सेवा बंद हो जाएगी। ग्राहक कई तरह के यूटिलिटी बिल, फोन रिचार्ज, डीटीएच और ओटीटी के रिचार्ज के लिए रिकरिंग पेमेंट सिस्टम का इस्तेमाल करते हैं। इसके तहत तय तारीख पर अपने आप ग्राहक के चुने कार्ड या यूपीआइ से भुगतान हो जाता है

रिजर्व बैंक ने ग्राहकों के हितों को देखते हुए सुरक्षा के नए कदम उठाए हैं। एएफए के तहत रिकरिंग पेमेंट पूरी तरह से ऑटोमैटिक नहीं रहेंगे। भुगतान की तारीख से पहले ग्राहकों को सूचना दी जाएगी और बैंकों को ग्राहक की अनुमति भी लेनी होगी। 5,000 रुपये से ज्यादा के भुगतान के मामले में ग्राहकों के पास वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) आएगा।

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