केंद्र सरकार ने 5 राज्यों को आगामी खरीफ सीजन के दौरान प्याज का कुल रकबा 9,900 हेक्टेयर बढ़ाने का दिया निर्देश

Praveen Upadhayay's picture

RGA news

प्याज की खेती के लिए प्रतीकात्मक तस्वीर PC: Pixabay

कृषि आयुक्त एसके मल्होत्रा ने गैर-पारंपरिक राज्यों में खरीफ सत्र के दौरान प्याज का रकबा बढ़ाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि यदि प्राकृतिक आपदाओं के कारण प्याज के पारंपरिक राज्यों में उपलब्धता प्रभावित होती है तो इससे मदद मिले

 केंद्र सरकार ने राजस्थान सहित पांच प्याज उत्पादक राज्यों से आगामी खरीफ सीजन के दौरान प्याज का कुल रकबा 9,900 हेक्टेयर बढ़ाने का निर्देश दिया है। इसका मकसद है कि वर्ष में किसी भी समय जब दाम एकाएक तेज होने लगें, तो स्थिति को तत्काल नियंत्रण में लाया जा सके।

खरीफ सीजन में मुख्य रूप से कर्नाटक, महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश प्याज उगाते हैं। राजस्थान, हरियाणा, मध्य प्रदेश, गुजरात और उत्तर प्रदेश गैर-पारंपरिक रूप से प्याज उगाने वाले राज्य हैं। सरकार ने प्याज की अपेक्षाकृत कम खेती करने वाले राज्यों से ही उत्पादन बढ़ाने को कहा है।

कृषि आयुक्त एसके मल्होत्रा ने गैर-पारंपरिक राज्यों में खरीफ सत्र के दौरान प्याज का रकबा बढ़ाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि यदि प्राकृतिक आपदाओं के कारण प्याज के पारंपरिक राज्यों में उपलब्धता प्रभावित होती है, तो इससे मदद मिलेगी। उन्होंने प्याज उत्पादक पांच गैर-पारंपरिक राज्यों को इस वर्ष खरीफ सीजन में प्याज का रकबा 51,000 हेक्टेयर तक पहुंचाने को कहा।

साथ ही मल्होत्रा ने फसल वर्ष 2021-22 (जुलाई-जून) के आगामी खरीफ सत्र के लिए एक रणनीति तैयार करने की जरूरत पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि यदि प्राकृतिक आपदाओं के कारण पारंपरिक प्याज उगाने वाले क्षेत्रों में उपलब्धता प्रभावित होती है, तो इससे मदद मिलेगी।

मल्होत्रा ने पांच गैर-पारंपरिक प्याज उगाने वाले राज्यों को इस साल के खरीफ सत्र में प्याज का रकबा बढ़ाकर 51,000 हेक्टेयर करने के लिए कहा, जो इससे एक साल पहले की समान अवधि में 41,081 हेक्टेयर था।

News Category: 

Scholarly Lite is a free theme, contributed to the Drupal Community by More than Themes.