सरकार के उपायों से सरसों के रेट में भारी गिरावट, फिर भी आम लोगों को राहत नहीं, तेल के दाम में नहीं आई कमी

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RGA news

पिछले कुछ महीनों से सरसों के तेल लगातार आसमान छू रहे हैं।

सरकार की सख्ती के चलते सरसों के भाव 850 रुपये प्रति क्विंटल तक घट गए हैं। लेकिन बाजार में तेल के भाव यथावत हैं। यह पहला मौका है जब थोक और खुदरा व्यापारी सरसों के तेल पर 20 रुपये प्रति लीटर तक मुनाफा ले रहे हैं।

नई दिल्ली। सरकार की सख्ती के चलते सरसों के भाव 850 रुपये प्रति क्विंटल तक घट गए हैं। लेकिन बाजार में तेल के भाव यथावत हैं। यह पहला मौका है जब थोक और खुदरा व्यापारी सरसों के तेल पर 20 रुपये प्रति लीटर तक मुनाफा ले रहे हैं। थोक व्यापारी सरसों का तेल 150 रुपये प्रति किलोग्राम बेच रहे हैं जबकि खुदरा बाजार में यह 170 रुपये प्रति किलोग्राम के भाव बिक रहा है। बाजार में तेल का यह भाव तब बना था जब अप्रैल के मध्य में सरसों का भाव 7,350 रुपये प्रति क्विंटल था। अब सरकार की सख्ती के कारण यह भाव गिरकर 6,500 रुपये प्रति क्विंटल पर आ गया है तब भी सरसों तेल का भाव 170 रुपये प्रति किलोग्राम है। 

सरसों तेल उत्पादक और थोक व्यापारी बिशन चंद बताते हैं कि खुदरा बाजार महंगाई को तत्काल अपना लेता है। लेकिन खुदरा भाव घटाते-घटाते उसे कई सप्ताह लग जाते हैं। बिशन चंद बताते हैं कि इस बार सरकार ने सीजन के दौरान सरसों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 4,650 रुपये निर्धारित किया था। हालांकि 10 दिन पहले तक सरसों 7,350 रुपये प्रति क्विंटल के भाव से बिकी। हालांकि जमाखोरों पर नकेल के बाद यह भाव गिरकर 6,500 रुपये प्रति क्विंटल तक आया है।

सरसों से तेल तक की यात्रा का अर्थशास्त्र

6500 रुपये की एक क्विंटल (100 किलोग्राम) सरसों में पेराई के बाद 150 रुपये प्रति किलोग्राम (थोक दर) की दर से बिकने वाला 35 फीसद तेल और 28 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से बिकने वाली 63 फीसद खल निकलती है। पशु चारे के रूप में यह खल 20 रुपये प्रति किलोग्राम बिकता है।

इस तरह एक क्विंटल सरसों में 5,250 रुपये का तेल और 1,764 रुपये की खल निकलती है। ट्रांसपोर्टेशन, पेराई व अन्य खर्चे 100 रुपये प्रति क्विंटल के लगभग होते हैं। तेल उत्पादक को पेराई के बाद सरसों पर करीब 400 रुपये प्रति क्विंटल मुनाफा होता है। फिलहाल तेल निर्माता या थोक व्यापारी को सरसों का तेल 150 रुपये और खल 28-29 रुपये किलो ही बाजार में बेच रहा है। 

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