RGA news
31 मई को केरल पहुंच सकता है मानसून। (फोटो: दैनिक जागरण)
Monsoon Forecast Update भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने कहा है कि मानसून पर बंगाल की खाड़ी में आए दो चक्रवातों ताउते और यास से कोई प्रभाव नहीं पड़ा है और उसके तय समय से एक दिन पहले 31 मई को ही केरल पहुंचने की संभावना है
नई दिल्ली। Monsoon Forecast Update, देश में मानसून के आगमन को लेकर मौसम विभाग ने संभावना जताई है। मौसम विभाग के मुताबिक 31 मई को मानसून केरल पहुंच सकता है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, दक्षिण-पश्चिम मानसून के 31 मई को केरल तट से टकराने की संभावना है। अगर ऐसा होताहै तो दक्षिणी राज्य में मानसून समय से पहले पहुंच जाएगा। गुरुवार को मालदीव-कोमोरिन क्षेत्रों के कुछ और हिस्सों में मानसून आगे बढ़ा और बंगाल की खाड़ी के अधिकांश दक्षिण-पूर्व और पूर्व-मध्य क्षेत्रों तक पहुंच गया।
जैसे-जैसे मानसून (Monsoon) के लिए अनुकूल परिस्थितियां बन रही हैं, केरल के कई इलाकों में लगातार हल्की से मध्यम-तीव्रता वाली बारिश हो रही है। केरल के कई इलाकों में इस सप्ताह की शुरुआत से लगातार हल्की से मध्यम-तीव्रता वाली बारिश हो रही है। एर्नाकुलम, अलाप्पुझा, कोट्टायम, इडुक्की, पठानमथिट्टा और तिरुवनंतपुरम जिलों में 24 घंटे में 19 मिमी से 115 मिमी के बीच बारिश दर्ज की गई।
मार्च से मई की अवधि के बीच देश भर में 15 प्रतिशत अधिक बारिश हुई। पूर्वोत्तर राज्यों, जम्मू और कश्मीर और लद्दाख को छोड़कर, सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में चल रहे प्री-मानसून सीजन के दौरान सामान्य या सामान्य से अधिक बारिश दर्ज की गई है। आईएमडी केरल में मानसून की शुरुआत की घोषणा तब करता है जब 10 मई के बाद किसी भी समय लगातार दो दिनों के लिए 14 मौसम स्टेशनों से 2.5 मिमी या उससे अधिक की बारिश दर्ज की जाती है। अन्य कारकों में पवन क्षेत्र और दक्षिण पूर्व अरब सागर के ऊपर बने आउटगोइंग लॉन्गवेव रेडिएशन शामिल हैं।
अंडमान-निकोबार में 30 मई तक भारी बारिश
मौसम विभाग के मुताबिक, अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह के कुछ हिस्सों में 30 मई तक भारी बारिश हो सकती है। आईएमडी ने गुरुवार को यह जानकारी दी। मौसम विभाग ने अगली सूचना तक मछुआरों को समुद्र में नहीं जाने की सलाह दी है। अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह में शुक्रवार, शनिवार और रविवार को एक या दो स्थानों पर सात से 11 सेंटीमीटर की भारी बारिश हो सकती है। मौसम वैज्ञानिकों के अनुमान के मुताबिक, बादल गरजने और बिजली चमकने के साथ ही इस दौरान द्वीपसमूह में 40 से 50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चल सकती हैं।