5G ट्रायल के लिए स्पेक्ट्रम आवंटित, इन जगहों पर होगा ट्रायल, 4G के मुकाबले मिली 10 गुना ज्यादा स्पीड : रिपोर्ट

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RGA news

यह 5G की प्रतीकात्मक फाइल फोटो है।

दूरसंचार विभाग (DoT) की तरफ से भारत में 5G ट्रायल के लिए Ericsson Nokia Samsung और C-DOT जैसी टेलिकॉम कंपनियों को भी मंजूरी दी गई है। Reliance Jio Infocomm अपनी स्वदेशी टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करके 5G ट्रायल करेगी

नई दिल्ली। दूरसंचार विभाग (DoT) ने भारत में 5G ट्रायल के लिए टेलिकॉम ऑपरेटर्स को स्पेक्ट्रम आवंटन का काम शुरू कर दिया है। दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, बैंग्लोर, गुजरात, हैदराबाद जैसी कई लोकेशन पर 5G ट्रायल किया जाएगा। रिपोर्ट के मुताबिक टेलिकॉम ऑपरेटर्स को पंजाब, हरियाणा और केंद्रीय शासित प्रदेश चंढ़ीगढ़ के लिए भी स्पेक्ट्रम का आवंटन किया गया है। टेलिकॉम कंपनी के अधिकारियों के मुताबिक टेलिकॉम ऑपरेटर्स को 700 Mhz बैंड, 3.3-3.6Ghz बैंड और 24.25-28.5 Ghz बैंड के स्पेक्ट्रम को अलग-अलग लोकेशन के हिसाब के लिए आवंटित किया गया है। 

 इन कंपनियों को मिली 5G ट्रायल की मंजूरी 

बता दें कि बीते 4 मई 2021 को दूरसंचार विभाग की तरफ से Reliance Jio, Bharti Airtel, Vodafone Idea और MTNL के एप्लीकेशन को 5G ट्रायल के लिए मंजूर किया था। हालांकि इस दौरान दूरसंचार विभाग ने साफ किया कि 5G ट्रायल को बिना किसी चीनी कंपनी की टेक्नोलॉजी की मदद से संपन्न करना होगा। दूरसंचार विभाग की तरफ से 5G ट्रायल के लिए Ericsson, Nokia, Samsung और C-DOT जैसी टेलिकॉम कंपनियों को भी मंजूरी दी गई है। Reliance Jio Infocomm अपनी स्वदेशी टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करके 5G ट्रायल करेगी। 

4G से 10 गुना तेज होगी 5G डाउनलोडिंग स्पीड 

DoT की रिपोर्ट के मुताबिक 5G टेक्नोलॉजी 4G के मुकाबले 10 गुना ज्यादा स्पीड डाउनलोडिंग स्पीड प्रदान करेगी। साथ ही स्पेक्ट्रम इफिशिएंसी 3 गुना ज्यादा होगी। ट्रायल के दौरान, एप्लीकेशन के आधार पर टेस्टिंग की सेटिंग को टेस्ट किया जाएगा। 5G टेक्नोलॉजी ट्रायल में टेलिमेडिसिन, टेली-एजूकेशन और ड्रोन बेस्ड एग्रीकल्चर मॉनिटरिंग की क्षमता की जांच की जाएगी। साथ ही टेलिकॉम ऑपरेटर्स अपने नेटवर्क पर कई सारी डिवाइस की टेस्टिंग करनी होगी। 5G ट्रायल के लिए अधिकतम 6 माह का वक्त दिया गया है। इसमे से 2 माह का वक्त प्रोक्योरमेंट और उपकरणों की सेटिंग के लिए दिया गया है। दूरसंचार विभाग की ओर से मिली मंजूरी में साफ कहा गया है कि टेलिकॉम सर्विस प्रोवाइडर को ग्रामीण और छोट कस्बों में 5G ट्रायल करना अनिवार्य होगा। DoT के मुताबिक टेलिकॉम ऑपरेटर्स केवल शहरी इलाकों में ही 5G ट्रायल नहीं कर सकते हैं। 

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