खड़ा वाहन भी कर सकता है एक्सीडेंट, मुआवजे के आदेश

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RGANews

सुप्रीम कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा कि खड़ा अथवा ठहरा हुआ मोटरवाहन भी दुर्घटना का कारण बन सकता है। इस टिप्प्णी के साथ शीर्ष अदालत ने खड़े ट्रैक्टर से मारे गए व्यक्ति के परिजनों को मुआवजा देने का आदेश दिया है।

फैसले में कोर्ट ने कहा कि मोटर व्हीकल एक्ट की धारा 165 के तहत मामला मुआवजे का बनता है। मामले में व्यक्ति की मौत तब हुई, जब खेत कुएं की खुदाई के लिए किए जा रहे विस्फोटों से उछले पत्थर 300 मीटर दूर दुकान पर खड़े शिक्षक के सिर पर जा लगे। इन विस्फोटों के लिए ब्लास्टिंग सिस्टम में ट्रैक्टर से बैटरी निकालकर उसका प्रयोग किया जा रहा था। कोर्ट के सामने मुद्दा था कि क्या खड़े ट्रैक्टर से अलग की गई बैटरी से चलाई जा रही ब्लास्टिंग मशीन के विस्फोट से हुई दुर्घटना एमवी एक्ट धारा 165 के तहत वाहन के इस्तेमाल से हुई मानी जा सकती है? दूसरा मुद्दा यह था कि क्या विस्फोट के लिए ट्रैक्टर का इस्तेमाल व्यावसायिक था और यह बीमा पॉलिसी के खिलाफ था, जिसमें कहा गया था कि उस वाहन का व्यावसायिक प्रयोग नहीं किया जा सकता। 

ट्रिब्यूनल ने 9.30 लाख मुआवजे का आदेश दिया था   
ट्रिब्यूनल ने पाया कि दुर्घटना का वाहन के प्रयोग से सबंध था और खेत में ब्लास्टिंग से खुदाई होने के कारण ट्रैक्टर का इस्तेमाल व्यावसायिक भी था और यह कृषि कार्य नहीं था। यह कहकर पंचाट ने मृतक शिक्षक को 9,30,000 रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया। 

बंबई हाईकोर्ट ने लगाई थी मुआवजे पर रोक
बीमाकर्ता की अपील पर हाईकोर्ट ने यह फैसला पलट दिया और कहा कि ट्रैक्टर खड़ा था और ब्लास्टिंग के लिए उसका इस्तेमाल नहीं किया गया था बल्कि उसकी सिर्फ बैटरी प्रयोग की गई थी, इसलिए धारा 165 के तहत इसे वाहन का इस्तेमाल किया जाना नहीं माना जा सकता। इसलिए इसमें धारा 166 के तहत मुआवजे की मांग नहीं की जा सकती। ये फैसला देते हुए बंबई हाईकोर्ट ने पंचाट का अवार्ड निरस्त कर दिया था।  

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