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प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर से हम भारतवासियों की लड़ाई जारी है। भारत भी इस लड़ाई के दौरान बड़ी पीड़ा से गुजरा है। कई लोगों ने अपने परिजनों को, परिचितों को खोया है
नई दिल्ली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का राष्ट्र के नाम संबोधन अब से कुछ देर पहले शुरू हो चुका है। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि देश में अभी तक 23 करोड़ लोगों को वैक्सीन दी जा चुकी है। केंद्र सरकार ने अथक प्रयासों ने हर आशंका का गलत साबित किया है। भारत ने एक साल के अंदर ही दो वैक्सीन लांच कर दी।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर से हम भारतवासियों की लड़ाई जारी है। भारत भी इस लड़ाई के दौरान बड़ी पीड़ा से गुजरा है। कई लोगों ने अपने परिजनों को, परिचितों को खोया है। ऐसे सभी परिवारों के साथ मेरी संवेदना है। बीते 100 वर्षों में आई ये सबसे बड़ी महामारी है। ऐसी महामारी आधुनिक विश्व ने न देखी थी और न अनुभव की थी। इतनी बड़ी वैश्विक महामारी से हमारा देश कई मोर्चों पर एक साथ लड़ा है। कोरोना की दूसरी लहर के दौरान अप्रैल और मई के महीने में भारत में मेडिकल ऑक्सीजन की डिमांड अकल्पनीय रूप से बढ़ गई थी। भारत के इतिहास में कभी भी इतनी मात्रा में मेडिकल ऑक्सीजन की जरूरत महसूस नहीं की गई। इस जरूरत को पूरा करने के लिए युद्धस्तर पर काम किया गया। सरकार के सभी तंत्र लगे।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वैक्सीन हमारे लिए सुरक्षा कवच की तरह है। आज पूरे विश्व में वैक्सीन के लिए जो मांग है, उसकी तुलना में उत्पादन करने वाले देश और वैक्सीन बनाने वाली कंपनियां बहुत कम हैं। कल्पना करिए कि अभी हमारे पास भारत में बनी वैक्सीन नहीं होती तो आज भारत जैसे विशाल देश में क्या होता? आप पिछले 50-60 साल का इतिहास देखेंगे तो पता चलेगा कि भारत को विदेशों से वैक्सीन प्राप्त करने में दशकों लग जाते थे। विदेशों में वैक्सीन का काम पूरा हो जाता था तब भी हमारे देश में वैक्सीनेशन का काम शुरू नहीं हो पाता था। पोलियो की वैक्सीन हो, चेचक की वैक्सीन हो, हेपेटाइटिस बी की वैक्सीन हो, इनके लिए देशवासियों ने दशकों तक इंतजार किया था।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि 2014 में जब देशवासियों ने हमें सेवा का अवसर दिया तो भारत में वैक्सीनेशन का कवरेज सिर्फ 60 प्रतिशत के आसपास था। हमारी दृष्टि में ये चिंता की बात थी। जिस रफ्तार से भारत का टीकाकरण चल रहा था, उस हिसाब से देश को शत-प्रतिशत टीकाकरण कवरेज का लक्ष्य हासिल करने में करीब 40 साल लग जाते। हमने इस समस्या के समाधान के लिए मिशन इंद्रधनुष को शुरु किया। हमने टीकाकरण की रफ्तार भी बढ़ाई और दायरा भी बढ़ाया। हमने बच्चों को कई जानलेवा बीमारियों से बचाने के लिए कई नए टीकों को भी भारत के टीकाकरण अभियान का हिस्सा बना दिया। क्योंकि हमें देश के बच्चों की चिंता थी, हमें गरीबों की चिंता थी।
प्रधानमंत्री कार्यालय ने अपने ट्विटर हैंडल पर जानकारी यह जानकारी शेयर की है। प्रधानमंत्री के राष्ट्र के नाम संबोधन की खबर सामने आते ही सोशल मीडिया पर अटकलों का दौर शुरू हो चुका है और लोग अलग-अलग कयास लगाने लगें हैं कि आखिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज अपने राष्ट्र के नाम संबोधन में किस बात का ऐलान करेंगे।
हालांकि यह माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आज का संबोधन कोरोना महामारी, अनलॉक की प्रक्रिया के साथ ही टीकाकरण पर केंद्रित होने की पूरी संभावना है। इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा गरीबों और अन्य वर्गों के लिए राहत पैकेज का ऐलान भी किया जा सकता है। गौरतलब है कि देश में विभिन्न राज्यों में कोरोना संक्रमण के केस कम होने के साथ ही अनलॉक की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। हालांकि प्रधानमंत्री यह भी कह सकते हैं कि अनलॉक की प्रक्रिया होने के बाद भी अपनी सेहत का ध्यान रखें क्योंकि कोरोनना महामारी अभी पूरी तरह से खत्म नहीं हुई है। इसके अलावा यह भी कयास लगाया जा रहा है कि प्रधानमंत्री मोदी यह भी बता सकते हैं कि आखिर भारत में पूरी तरह से टीकाकरण कब तक हो जाएगा।