आखिर क्‍यों मचा है लक्षद्वीप में सियासी बवाल, स्‍थानीय लोगों को सता रहा ये डर

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RGAन्यूज़

रणनीतिक तौर पर भारत के लिए बेहद महत्वपूर्ण लक्षद्वीप

Lakshadweep Crisis गुजरात के पूर्व मंत्री प्रफुल्ल पटेल ने बताया कि यहां के तमाम जन प्रतिनिधियों ने लोगों को गरीब रखकर ही अपनी राजनीति चमकाई। खुद का घर भरते रहे जनता के लिए कुछ भी काम नहीं किया।

नई दिल्‍ली। Lakshadweep Crisis अरब सागर में बसे भारत के एक हिस्से लक्षद्वीप में पिछले कुछ दिनों से सियासी बवाल मचा है। इसकी बड़ी वजह वहां के प्रशासक प्रफुल्ल पटेल द्वारा लाए गए नए नियम हैं। इन कानूनों को लेकर जहां लक्षद्वीप के लोगों को कई आशंकाएं है तो इनके खिलाफ लोगों का गुस्सा भी बढ़ने लगा है। तमाम विपक्षी राजनीतिक दल भी इन कानूनों को लेकर केंद्र की मोदी सरकार को निशाना बना रहे हैं। विपक्ष लक्षद्वीप के प्रशासक को हटाने की मांग कर रहा है। इसके लिए विपक्षी नेताओं ने राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द को पत्र भी लिखा है। विरोधी इसे लक्षद्वीप की संस्कृति में अनावश्यक सरकारी दखल और आरएसएस के एजेंडे को लागू करने का आरोप लगा रहे हैं।

प्रमुख द्वीप: अगाती और मिनिकॉय

  • रणनीतिक तौर पर भारत के लिए बेहद महत्वपूर्ण
  • यह क्षेत्र सामाजिक और सांस्कृतिक तौर पर केरल के नजदीक है

सबसे नजदीकी तटीय इलाका कोच्च

 

भारत का सबसे नजदीकी तटीय इलाका केरल का कोच्चि है। यहां से अगाती के लिए हवाई जहाज उड़ान भरते हैं। एकमात्र एयरपोर्ट अगाती में ही है, यहां से राजधानी कवरत्ती के लिए हेलिकाप्टर सेवा है। लक्षद्वीप का सबसे नजदीकी द्वीप कोच्चि से करीब 240 किलोमीटर की दूरी पर है। लक्षद्वीप की मूल भाषा मलयालम है।

भारत का मालदीव

सुंदर, मनोहारी और सूरज से चमकते समुद्र तटों के चलते इसे भारत का मालदीव भी कहा जाता है।

केंद्र बदलना चाहती है स्थितियां

मोदी सरकार पिछड़ेपन का दंश झेल रहे लक्षद्वीप की स्थिति को बदलना चाहती है। सरकार की कोशिश है कि यहां ना केवल पर्यटन बढ़े बल्कि लोगों को रोजगार मिले और समृद्धि आए। प्रशासक ने विकास का जो रोडमैप तैयार किया है, उसमें महिलाओं, गरीब और युवा सबके लिए गुंजाइश है।

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