ये किशोर तो बड़े अपराधियों को भी दे गए मात, सीडीआर से पकड़े गए

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पुलिस ने शिवकुमार हत्‍याकांड का किया पर्दाफाश

पुलिस ने सिद्धार्थनगर जिले के शिवकुमार हत्याकांड का पर्दाफाश कर दिया। एसओजी व सर्विलांस टीम की मदद से किए गए इस पर्दाफाश में कई चौकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। बाल अपचारियों ने हत्या की घटना को अंजाम दिया है।

गोरखपुर, पुलिस ने सिद्धार्थनगर जिले के शिवकुमार हत्याकांड का पर्दाफाश कर दिया। एसओजी व सर्विलांस टीम की मदद से किए गए इस पर्दाफाश में कई चौकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। बाल अपचारियों ने हत्या की घटना को अंजाम दिया है। उन्‍होंने खुद को बचाने के लिए घटनाक्रम को दूसरी दिशा में मोड़ने का जाल बुना था। स्वजन व पुलिस भी इनके बुने हुए जाल में उलझ गए। तीन अन्य निर्दोषों को आरोपित बनाया गया, लेकिन कहते हैं गुनहगार कितना भी शातिर हो, लेकिन कोई न कोई सुराग छोड़ जाता है। सीडीआर से एसओजी टीम ने यह सुराग खोज निकाला और कातिलों के गिरेबान तक पहुंच गए।

आठ जून को मिला था शिवकुमार का शव

एसओ राजेंद्र बहादुर सिंह ने बताया कि आठ जून की सुबह गांव के उत्तर सिवान में शिवकुमार का शव मिला था। पोस्‍टमार्टम रिपोर्ट में मौत का कारण सिर पर गहरा चोट बताया गया। पुलिस हत्या का पर्दाफाश करने में जुट गई। जूड़ीकुइया के बगल एक ईंट-भट्ठे के पास चार किशोरों को पुलिस, एसओजी व सर्विलांस टीम ने पकड़ा। सभी ने पूछताछ में बताया कि पूर्व में अपने पिता के मृत्यु को लेकर शंका थी कि मेरे ही पट्टीदार ने मिलकर उनकी हत्या की है, जिसकी रंजिश में गोलू यादव की हत्या करने का प्लान बना रहे थे। इसकी जानकारी मृतक शिवकुमार को हो गई थी। प्लान की जानकारी और किसी अन्य को ना होने पाए, जिसके कारण शिवकुमार के गले में गमछा लगाकर जमीन पर पटक-पटक कर हत्या कर दी। बाल अपचारियों की निशानदेही पर शिवकुमार का मोबाइल, चैन व कत्ल में प्रयुक्त गमछा, तीन जोड़ी दस्ताना व चिप बरामद किया गया।

जांच की दिशा भटकाने के लिए बुना था जाल

शिवकुमार व कपिलवस्तु थाना के मटियरिया निवासी एक युवक का एक ही लड़की से प्रेम था। वह हत्या के एक दिन पहले जूड़ीकुइयां में आया था। लड़की को लेकर दोनों में विवाद हुआ। बाल अपचारी ने प्रेम प्रपंच को मोबाइल में रिकार्ड किया। रात में घटना को अंजाम देकर शिवकुमार का मोबाइल लेकर उसके बड़े भाई के मोबाइल पर आडियो वायरल कर दिया, जिससे हत्या का शक स्वजन व पुलिस को लड़की के दूसरे प्रेमी पर आ जाए।

ऐसे खुला परत- दर परत मामला

पुलिस ने नामजद आरोपितों व लड़की का काल डिटेल खंगाला, लेकिन इनके हत्या करने के संबंध में कोई कड़ी नहीं जुड़ी मिली। तब पुलिस व एसओजी टीम को वायरल आडियो पर शक हुआ। पुलिस यह मान कर चलने लगी कि जब शिवकुमार का मोबाइल उसके शव के पास नहीं मिला तो आडियो वायरल कैसे हुआ। एसओजी व सर्विलांस टीम ने शिवकुमार के मोबाइल का सीडीआर जब खंगाला तो पता चला कि बाल अपचारी ने हत्या के बाद शिवकुमार का मोबाइल लेकर उसमें अपना चिप व सिम डाल कर शिवकुमार के भाई पर आडियो भेजा था, ताकि आडियो सुन कर शक दूसरे युवक पर चला जाए।

पर्दाफाश में इनकी रही भूमिका

घटना के खुलासे में एसओजी प्रभारी जीवन त्रिपाठी, सर्विलांस टीम के सदस्य दिलीप द्विवेदी, एसओ शोहरतगढ़ आरबी सिंह, खुनुवा चौकी अभिमन्यु सिंह, एसआई रमाशंकर राय, एसआइ राघवेंद्र प्रताप यादव सहित 14 लोगों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

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