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दिग्विजय सिंह के बयान पर जितिन प्रसाद ने कसा तंज।(फोटो: दैनिक जागरण)
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद-370 को लागू करने संबंधी बयान पर घिरे नजर आ रहे हैं। भाजपा नेताओं ने उनके बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। ट्विटर पर भाजपा के कई नेताओं ने उनके इस बयान को देश के साथ गद्दारी कहा।
नई दिल्ली। हाल में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए जितिन प्रसाद ने शनिवार को दिग्विजय सिंह की उनकी कथित 'पाकिस्तान परस्त' रुख के लिए निंदा की। प्रसाद ने ट्वीट किया, 'वह अपने पाकिस्तान परस्त रुख के लिए जाने जाते हैं। अगर ऐसा रहा तो एक दिन वह इंदिराजी की पाकिस्तान का बंटवारा करने के लिए निंदा करेंगे।' उल्लेखनीय है कि इंदिरा गांधी के प्रधानमंत्री रहते वर्ष 1971 की लड़ाई में पाकिस्तान को हार मिली थी और तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान अलग होकर बांग्लादेश के नाम से आजाद देश बना था।
क्या कहा था ?
दिग्विजय सिंह जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद-370 को लागू करने संबंधी बयान पर घिर गए हैं। एक क्लब हाउस चैट में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिह ने एक कथित पाकिस्तानी पत्रकार से कहा, हम सत्ता में आए तो अनुच्छेद-370 को फिर से लाने पर विचार कर सकते हैं। इसके लीक होने के बाद राजनीतिक बवाल खड़ा हो गया है। कांग्रेस ने इस मामले में चुप्पी साध ली है, वहीं भाजपा इसको लेकर हमलावर हो गई है। भाजपा की ओर से लगातार हमला किया जा रहा है।
गौरतलब है कि दिग्विजय सिंह की क्लब हउस चैट में पाकिस्तानी पत्रकार भी मौजूद थे और उसी के सवाल के जवाब में उन्होंने अनुच्छेद-370 पर पुनर्विचार की बात कही थी। चैट के आडियो में दिग्विजय कह रहे हैं- 'यहां (जम्मू-कश्मीर) से जब अनुच्छेद-370 हटाया गया, तब लोकतांत्रिक मूल्यों का पालन नहीं किया गया। इस दौरान न ही इंसानियत का तकाजा रखा गया और न ही इसमें कश्मीरियत का ख्याल रखा गया। सभी को सलाखों के पीछे बंद कर दिया गया। अगर कांग्रेस सरकार सत्ता में आई, तो हम इस फैसले पर फिर से विचार करेंगे और अनुच्छेद-370 बहाल करेंगे।'
दिग्विजय को मिला फारूक अब्दुल्ला का समर्थन
दिग्विजय सिंह के अनुच्छेद 370 को लेकर दिए गए बयान पर नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री डा. फारूक अब्दुल्ला ने उनका आभार जताया। उन्होंने कहा कि दिग्विजय सिंह ने कश्मीरियों की भावनाओं को समझकर ही यह बयान दिया है। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर का जब भारत में विलय हुआ तो कुछ शर्ताें पर हुआ था और उनमें 370 भी एक थी।