सीएम का पुतला जलाने वाले कांग्रेसियों पर एफआइआर, एक से तीन साल तक हो सकती है सज़ा

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RGA न्यूज़

कांग्रेसियों पर एफआइआर से संबंधित प्रतीकात्‍मक फाइल फोटो

505 (2) - विभिन्न समुदायों के बीच शत्रुता घृणा या वैमनस्य की भावना पैदा करने के आशय से असत्य कथन जनश्रुति आदि परिचालित करना। सजा तीन वर्ष या अर्थ दंड या दोनों हो सकता है। इसी तरह से धारा 504 में दो वर्ष की सजा हो सकती है

गोरखपुर, श्रीरामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट पर घोटाले का आरोप लगाकर 14 जून को मुख्यमंत्री का पुतला जलाने वाले युवा कांग्रेसियों पर कैंट थाने में एफआइआर दर्ज कराई गई है। कलेक्ट्रेट चौकी प्रभारी शेष कुमार वर्मा ने पांच नामजद और सात-आठ अज्ञात के खिलाफ तहरीर दी थी। थाने में दर्ज धाराओं में एक साल से लेकर तीन साल तक सजा हो सकती है। युवा कांग्रेसियों ने 14 जून को शास्त्री चौक पर पुतला फूंका था। उन्होंने जमकर नारेबाजी भी की थी।

पुलिस के पहुंचने के पहले ही जलाया गया पुतला

कलेक्ट्रेट के बगल में स्थित शास्त्री चौक पर युवा कांग्रेसियों के पुतला जलाने के बाद चौकी प्रभारी मौके पर पहुंचे थे। तहरीर में उन्होंने लिखा है कि वह हेड कांस्टेबल मो. परवेज, कांस्टेबल आशीष यादव और प्रदीप पाल के साथ क्षेत्र में थे। सूचना मिली कि कांग्रेस पार्टी का झंडा लिए कुछ व्यक्ति मुख्यमंत्री के बारे में गलत वक्तव्य दे रहे हैं और पुतला जलाए हैं। शाम तकरीबन 3:50 बजे पुलिसकर्मी शास्त्री चौक पर पहुंचे तो पुतला जल गया था। पुलिस को देखते हुए मौके पर मौजूद लोग चले गए। जांच के दौरान कुछ फोटो मिली जिसमें कोविड प्रोटोकाल का उल्लंघन कर पुतला जलाने की पुष्टि हुई।

इनके खिलाफ दर्ज हुई एफआइआर

भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन के जिलाध्यक्ष अभिजीत पाठक, प्रदेश महासचिव बादल चतुर्वेदी, अतुल मिश्र, योगेश सिंह, सुमित कुमार पांडेय, सात-आठ अज्ञात

यह धारा लगी

505 (2) - विभिन्न समुदायों के बीच शत्रुता, घृणा या वैमनस्य की भावना पैदा करने के आशय से असत्य कथन, जनश्रुति आदि परिचालित करना। सजा तीन वर्ष या अर्थ दंड या दोनों हो सकता है। इसी तरह से धारा 504 - जो कोई किसी व्यक्ति को साशय अपमानित या गाली गलौज करेगा और उस व्यक्ति को इस आशय से या यह संभाव्य जानते हुए प्रकोपित करेगा कि ऐसे प्रकोपन से वह लोक शांति भंग या कोई अन्य अपराध कारित करेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से दंडित होगा। इसकी अवधि दो वर्ष तक होगी। आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा 51- एक साल की सजा हो सकती है।

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