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स्कूल आने के बाद भले ही शिक्षकों को बच्चों को नहीं पढ़ाना होगा लेकिन उन्हें विभागीय कार्य समयबद्ध तरीके से करना होगा। इसके अलावा शिक्षकों को जिला प्रशासन व शिक्षा विभाग द्वारा अन्य महत्वपूर्ण कार्यों की भी जिम्मेदारी निभानी होगी
गोरखपुर, कोविड के कारण लंबे समय से बंद चल रहे परिषदीय व कस्तूरबा गांधी स्कूलों को पहली जुलाई से खोलने की तैयारी शुरू हो गई है। स्कूलों में साफ-सफाई के साथ-साथ सैनिटाइजेशन शुरू हो गया है। छात्र-छात्राओं को स्कूल आने की अनुमति नहीं होगी। सिर्फ शिक्षक आएंगे और नामांकन सहित अन्य प्रशासनिक कार्य करेंगे। आनलाइन पढ़ाई पहले की तरह की संचालित होती रहेगी।
किसी भी प्रकार की शिथिलता क्षम्य नहीं
स्कूल आने के बाद भले ही शिक्षकों को बच्चों को नहीं पढ़ाना होगा, लेकिन उन्हें विभागीय कार्य समयबद्ध तरीके से करना होगा। इसके अलावा शिक्षकों को जिला प्रशासन व शिक्षा विभाग द्वारा अन्य महत्वपूर्ण कार्यों की भी जिम्मेदारी निभानी होगी। बीएसए बीएन सिंह ने बताया कि स्कूलों को खोलने की तैयारियां शुरू कर दी गई है। सभी खंड शिक्षाधिकारियों व प्रधानाध्यापकों को स्कूलों की साफ-सफाई व सैनिटाइजेशन के निर्देश दे दिए गए हैं। स्कूल खुलने पर सभी शिक्षकों को समय से आना व निर्धारित विभागीय कार्यों का प्रमुखता से संपादन करना होगा। इसमें किसी भी प्रकार की शिथिलता क्षम्य नहीं होगी। समय-समय पर स्कूलों का निरीक्षण भी किया जाएगा। मान्यता प्राप्त शिक्षकों-शिक्षणेत्तर कर्मचारियों की उपस्थिति के लिए विद्यालय प्रबंध समिति अधिकृत होगी।
स्कूल खुलने पर शिक्षकों को करने होंगे यह कार्य
बच्चों को निश्शुल्क पाठ्य पुस्तक वितरण करना होगा। शत-प्रतिशत बच्चों का स्कूलों में नामांकन कराना होगा। मध्याह्न भोजन योजना के अंतर्गत भेजी गई परिवर्तन लागत की धनराशि छात्र-छात्राओं व अभिभावकों के बैंक खाते में प्रेषित करना और मिले खाद्यान्न् का वितरण करना होगा। जिले के स्कूलों में आपरेशन कायाकल्प की गतिविधियों को पूर्ण कराना होगा। साथ ही मिशन प्रेरणा के अंतर्गत ई-पाठशाला का संचालन भी करना अनिवार्य किया गया है। मानव संपदा पोर्टल पर शिक्षकों के सेवा विवरण को अपलोड व सत्यापन कराना जरूरी कर दिया गया है। स्कूलों में आपरेशन कायाकल्प की गतिविधियों को पूरा करने का काम भी शिक्षक करेंगे।