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स्कूलों ने दसवीं व बारहवीं का रिजल्ट तैयार करने की कवायद शुरू कर दी है।
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के तय फार्मूले के आधार पर इस बार रिजल्ट सौ फीसद नहीं बनेगा। बच्चों व अभिभावकों को जब यह जानकारी मिली कि पुराने रिकार्ड ही उनके पास होने का आधार बनेगा उनकी खुशी काफूर हो गई है।
गोरखपुर, केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के तय फार्मूले के आधार पर इस बार रिजल्ट सौ फीसद नहीं बनेगा। प्रोन्नत होने का निर्देश सुनकर जो बच्चे खुश थे। जब से उन्हें यह जानकारी मिली है कि पुराने रिकार्ड ही उनके पास होने का आधार बनेगा उनकी खुशी काफूर हो गई है। बच्चों को मायूस देख अभिभावक स्कूलों को फोन कर ब'चों को पास करने की फरियाद कर रहे हैं।
बच्चों को अच्छे नंबर के लिए अभिभावक कर रहे स्कूलों को फोन
शहर के कई स्कूलों में इस समय अभिभावक के फोन आ रहे हैं। विद्यालय भी अपने स्तर से छात्रों को नंबर देने में किसी तरह की रियायत नहीं बरत सकते हैं। क्योंकि हाईस्कूल के अंक बोर्ड के पास पहले से ही उपलब्ध है। बच्चों के पिछले प्रदर्शन का साक्ष्य भी बोर्ड द्वारा मांगा जाएगा। ऐसे में विद्यालय अपने स्तर से किसी भी तरह की चूक करने के पक्ष में नहीं है।
हाईस्कूल व इंटर का रिजल्ट तैयार करने में जुटे स्कूल
उधर, सीबीएसई ने यह पहले ही साफ कर दिया है कि स्कूल का रिजल्ट उनके पिछले तीन साल के बेहतर वर्ष के प्रदर्शन के आधार पर स्कूलों द्वारा तैयार किया जाएगा। ऐसे में कुछ छात्रों का प्रदर्शन ११वीं में बहुत अ'छा नहीं रहा है। साथ ही साथ 12वीं के सभी परीक्षाओं को गंभीरता नहीं लेने के कारण भी विद्यार्थी मायूस हैं और उनके पास कोई बेहतर विकल्प भी नहीं है। चूंकि स्कूलों को सीबीएसई को हर तरह के साक्ष्य प्रस्तुत करने हैं इसलिए वह भी नंबर देने में मनमर्जी नहीं कर सकते हैं।
स्कूलों द्वारा पिछले तीन सालों के प्रदर्शन के आधार पर रिजल्ट तैयार किया जा रहा है। सीबीएसई के सभी नियमों का पालन करते हुए ब'चों के हित में जितना ज्यादा से ज्यादा हो सकता है उनके रिजल्ट बेहतर बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं। - अजय शाही, निदेशक, आरपीएम एकेडमी।
अभिभावक बच्चों के भविष्य को लेकर परेशान हैं। इसके लिए वह स्कूल में नियमित फोन कर रहे हैं। उन्हें बताया जा रहा है कि विद्यालय अपने स्तर से कुछ भी नही कर सकता है। बोर्ड के जो निर्देश हैं उसी के तहत रिजल्ट तैयार किया जा रहा है। जो छात्र रिजल्ट से संतुष्ट नहीं होंगे वह अगस्त व सितंबर माह में होने वाली परीक्षा में शामिल हो सकते हैं। - डा. सलील के.श्रीवास्तव, निदेशक, जेपी एजुकेशन एकेडमी।