अनुशासनहीनता में गोरखपुर विश्वविद्यालय के पांच शिक्षकों को नोटिस, इंटरनेट मीडिया पर कुलपति से पूछे थे सवाल

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RGA न्यूज़

गोरखपुर विश्वविद्यालय व कुलपति की छवि धूमिल करने पर विवि प्रशासन ने पांच शिक्षकों नोटिस जारी किया।

गोरखपुर विश्वविद्यालय व कुलपति की छवि धूमिल करने पर विवि प्रशासन ने पांच शिक्षकों नोटिस जारी किया। विवि प्रशासन का कहना है कि चेतावनी के बाद भी कुछ शिक्षकों द्वारा इंटरनेट मीडिया पर बयान देकर विश्वविद्यालय की छवि व गरिमा को धूमिल किया जा रहा है।

गोरखपुर, विश्वविद्यालय व कुलपति की छवि धूमिल करने पर विवि प्रशासन ने पांच शिक्षकों नोटिस जारी किया। विवि प्रशासन का कहना है कि चेतावनी के बाद भी कुछ शिक्षकों द्वारा इंटरनेट मीडिया और समाचार पत्रों में लगातार बयान देकर विश्वविद्यालय की छवि व गरिमा को धूमिल किया जा रहा है, जो विश्वविद्यालय के सर्विस कंडक्ट के विरुद्ध है। विश्वविद्यालय प्रशासन के अधिकारियों और एक कमेटी ने ऐसा कृत्य करने वाले कुछ शिक्षकों को चिह्नित किया है।

इन्हें जारी किया गया नोटिस

जिन शिक्षकों को नाेटिस जारी किया गया है उनमें हिंदी विभाग के प्रो. कमलेश गुप्ता और विमलेश मिश्रा, राजनीति विज्ञान के प्रो.गोपाल प्रसाद, अर्थशास्त्र के प्रो.आलोक कुमार गोयल और रक्षा अध्ययन विभाग के प्रो.विनोद कुमार सिंह शामिल हैं। शीघ्र ही उनके विरुद्ध विश्वविद्यालय के एक्ट और आर्डिनेंस के मुताबिक कार्रवाई की जाएगी। कुलपति ने सभी शिक्षकों-कर्मचारियों व अधिकारियों और विद्यार्थियों से अनुरोध किया है कि कोई भी समस्या हो तो उस समस्या को मेरे संज्ञान में लाने की कोशिश करें, ताकि उसे निस्तारित करने की योजना तैयार की जा सके।

होगी जांच, बिना पद पर रहे शिक्षक संघ अध्यक्ष ने कैसे दिया इस्तीफा

विश्वविद्यालय प्रशासन ने प्रो.विनोद सिंह द्वारा सोशल मीडिया साइट्स और समाचार पत्रों में दिए जा रहे बयान पर भी कड़ा रुख अख्तियार किया है। इसे लेकर विश्वविद्यालय की परिनियमावली की धारा 16.01 से 16.07 के अनुसार तीन सदस्यीय जांच समिति का गठन किया गया है। जो इस बात की जांच करेगी कि वर्ष 2017-18 में शिक्षक संघ के अध्यक्ष रहे प्रो.सिंह अब तक शिक्षक संघ के पैड का कैसे इस्तेमाल कर रहे थे। उनका उस पद से इस्तीफा देना जिस पर वो हैं ही नहीं को विश्वविद्यालय ने गंभीरता से लिया है। 15 दिनों में जांच समिति अपनी रिपोर्ट देगी।

विवि प्रशासन की चेतावनी से बेपरवाह प्रो. कमलेश ने कुलपति से पूछे सवाल

कुलपति व शिक्षकों के बीच टकराव और बढ़ता जा रहा है। मंगलवार को विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा शिक्षकों को इंटरनेट मीडिया पर बयान जारी करने से रोक लगाने की चेतावनी से शिक्षक बेपरवाह हैं। विभाग के प्रो. कमलेश कुमार ने एक बार फिर इंटरनेट मीडिया के जरिए विवि प्रशासन व कुलपति कई सवाल कर डाले। पत्र में उन्होंने गुआक्टा के शिक्षकों का समर्थन किया है। उन्होंने अभिव्यक्ति की आजादी पर पाबंदी लगाए जाने वाला विश्वविद्यालय प्रशासन का कोई भी आदेश मानने से इंकार कर दिया।

विवि प्रशासन से प्रो. गुप्ता ने पूछा है कि लोगों की समस्याओं को सुलझाने, उनकी शिकायतों को सुनने के लिए निर्धारित समय तय करने और उस समय पर मौजूद रहने के शासन के निर्देश क्या विवि पर लागू नहीं होते। कुलपति प्रतिदिन किसी खास समय पर सबके लिए उपलब्ध होते हैं। उन्होंने ईमेल के जरिए अनुमति लेकर कुलपति के शिक्षकों से मिलने की व्यवस्था पर भी सवाल खड़ा किया। उन्होंने कहा कि इसमें गरीब विद्यार्थी जो ऐसे मोबाइल की सुविधा से रहित हैं, उनका कुलपति से मिल पाना संभव नहीं है।

गुआक्टा कुलाधिपति को भेजेगा कुलपति का निंदा प्रस्ताव

विवि से संबद्ध महाविद्यालयों के शिक्षकों के संगठन गुआक्टा ने भी कुलपति के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। गुआक्टा कार्यकारिणी की वर्चुअल बैठक डा. केडी तिवारी की अध्यक्षता में हुई। इसमें विश्वविद्यालय के कुलपति द्वारा शिक्षकों के प्रति किए गए अभद्र एवं अमर्यादित आचरण का निंदा की गई।

बैठक में शिक्षकों ने कुलपति पर कई गंभीर आरोप लगाए तथा उनकी शिकायत एवं कार्यों की जांच राजभवन तक करने का निर्णय लिया। बैठक में निर्णय लिया गया कि महाविद्यालय के शिक्षक विश्वविद्यालय के किसी भी काम में अपना सहयोग स्थगित रखेंगे। महाविद्यालय इकाई शिक्षक संघ अपने सभी शिक्षकों से हस्ताक्षरित पत्र कुलाधिपति, उच्च शिक्षा मंत्री एवं मुख्यमंत्री को भेजेंगे, जिसमें कुलपति के कार्यों की निंदा होगी।

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