गोरखपुर में किडनी मरीजों को मिलेगी सहूलियत, डायलिसिस यूनिट में बढ़ाए जाएंगे दो और बेड

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RGA न्यूज़

किडनी के मरीजों को राहत मिलने वाली है। जिला अस्पताल की डायलिसिस यूनिट में दो बेड और बढ़ाए जाएंगे। दो नए बेड बढ़ जाने से मरीजों को राहत मिल जाएगी। अस्पताल प्रबंधन ने तैयारियां शुरू कर दी है

डायलिसिस यूनिट में बढ़ाए जाएंगे दो और बेड। 

गोरखपुर, अब किडनी के मरीजों को राहत मिलने वाली है। जिला अस्पताल की डायलिसिस यूनिट में दो बेड और बढ़ाए जाएंगे। वर्तमान में यूनिट में 12 बेड हैं और 50 मरीज वेटिंग में हैं। दो नए बेड बढ़ जाने से मरीजों को राहत मिल जाएगी। अस्पताल प्रबंधन ने तैयारियां शुरू कर दी है।

12 बेड होने से नहीं मिल पाती मरीजों को सुविधा

डायलिसिस यूनिट में मात्र 12 बेड होने से बड़ी संख्या में मरीजों को मौका नहीं मिल पाता, इसलिए उन्हें निजी अस्पतालों में महंगे दाम पर डायलिसिस करानी पड़ती है। जबकि जिला अस्पताल में निश्शुल्क सुविधा उपलब्ध है। एक तो इस बीमारी में दवा पर बहुत रुपये खर्च होते हैं। दूसरे निजी अस्पतालों में डायलिसिस में भी लगभग तीन हजार रुपये मरीजों को देने पड़ते हैं तो उनकी दिक्कतें बढ़ जाती हैं। मरीजों की दिक्कतों को देखते हुए अस्पताल प्रबंधन ने दो और बेड बढ़ाने का निर्णय लिया है। प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डा. एसी श्रीवास्तव ने बताया कि शीघ्र ही दो बेड और बढ़ा दिए जाएंगे, ताकि ऐसे मरीजों को राहत पहुंचाई जा सके।

ऐसे करें बचाव

किडनी रोग विशेषज्ञ डा. आनंद बंका व जिला अस्पताल के फिजिशियन डा. राजेश कुमार ने कहा कि किसी भी गंभीर बीमारी से पीड़ित व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता धीरे-धीरे कमजोर होती है, लेकिन किडनी के मरीजों की हर तीसरे-चौथे दिन डायलिसिस होने से यह क्षमता और कमजोर हो जाती है। हल्का इंफेक्शन भी उन्हें परेशान कर सकता है। उनके शरीर के अंदर रोगाणुओं से लड़ने की ताकत क्षीण हो जाती है। कोरोना के समय में उन्हें विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है। थोड़ी भी दिक्कत होने पर तत्काल डाक्टर से संपर्क करें। इस बीमारी से बचने के लिए सुबह-शाम टहलें, 24 घंटे में कम से कम तीन लीटर पानी पीएं। नमक कम मात्रा में लें। शुगर व ब्लडप्रेशर नियंत्रित रखें।

क्यों खराब होती है किडनी

किडनी खराब होने की मुख्य वजह अनियंत्रित शुगर व ब्लड प्रेशर है। इसके अलावा किडनी में पथरी का होना, मूत्र प्रणाली की संरचना में विकार, पेशाब के साथ प्रोटीन आना, धूमपान व दूषित जल भी किडनी को नुकसान पहुंचाता है।

लक्षण

पैर, पूरे शरीर व आंखों के चारों तरफ सूजन, भूख कम लगना, बार-बार पेशाब लगना, हड्डियों में दर्द, मिचली, उल्टी, सांस फूलना मटमैले रंग का पेशाब होना और पेशाब के साथ झाग आना आदि किडनी खराब होने के लक्षण हो सकते हैं।

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