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देश के कई हिस्साें में अभी कोरोना संक्रमण फैला हुआ है। वहां से त्योहारों में लोग जिले में आ रहे हैं। रेलवे स्टेशन व एयरपोर्ट पर कोरोना जांच के बूथ सक्रिय कर दिए गए हैं। टीमें मौजूद हैं लेकिन सभी यात्रियों की जांच नहीं हो पा रही है।
गोरखपुर में कोरोना संक्रमण का खतरा फिर बढ़ गया है।
गोरखपुर, कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के पूर्व की गई गलतियां इस समय दोहराई जा रही हैं। बाहर से आने वालों की जांच नहीं हो पा रही है। 99 फीसद लोग बिना जांच कराए घर चले जा रहे हैं। यदि उनमें संक्रमण होगा तो पूरे रास्ते बांटते हुए घर जाएंगे और गांव में भी फैला सकते हैं। इसकी भयावहता की कल्पना भी विभाग नहीं कर पा रहा है।
स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही से कहीं फिर न फैल जाए कोरोना संक्रमण
देश के कई हिस्साें में अभी कोरोना संक्रमण फैला हुआ है। वहां से त्योहारों में लोग जिले में आ रहे हैं। संक्रमण की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा उठाए गए कदम नाकाफी हैं। रेलवे स्टेशन व एयरपोर्ट पर कोरोना जांच के बूथ सक्रिय कर दिए गए हैं। टीमें मौजूद हैं लेकिन सभी यात्रियों की जांच नहीं हो पा रही है। केवल रेलवे से प्रतिदिन लगभग 25 हजार यात्री गोरखपुर आते हैं। जबकि जांच अधिकतम चार-पांच सौ की हो पा रही है। यह तब है जब विभाग दूसरी लहर के पूर्व बरती गई लापरवाहियों की भयावहता देख चुका है।
त्योहारों पर बढ़ रही दिल्ली-मुंबई से आने वालों की संख्या
मार्च में पंचायत चुनाव व होली के मद्देनजर दिल्ली-मुंबई से लोगों का आना शुरू हुआ। उस समय भी बूथ बनाए गए थे। जांच की यही स्थिति थी। यहां तक कि जो लोग पाजिटिव मिले, उन्हें भी छोड़ दिया गया। धीरे-धीरे संक्रमण बढ़ा और अप्रैल में स्थिति भयावह हो गई। अस्पताल फुल हो गए। मरीज तपड़ने लगे। दवाओं का संकट शुरू हो गया। आक्सीजन की कमी सामने आ गई। अनेक लोग अपने स्वजन को मरते देखते रहे। वह वेबस थे। वही गलतियां पुन: दोहराई जा रही हैं।
बस स्टैंड पर नहीं है बूथ
बस से भी बड़ी संख्या में यात्री आते हैं लेकिन वहां कोरोना संक्रमण की जांच के लिए बूथ नहीं बनाया गया है। नोडल अधिकारी डा. एके सिंह ने कहा कि बस स्टैंड पर बूथ बनाया गया था। लेकिन बूथ रोडवेज परिसर में था और बसें सड़क पर सवारी चढ़ाती-उतारती हैं। इसलिए यात्री परिसर में पहुंच नहीं पाते थे। उनकी जांच नहीं हो पा रही थी। इसलिए वहां से बूथ हटा दिया गया है। रेलवे स्टेशन व एयरपोर्ट पर भी जबरदस्ती हम किसी यात्री की जांच नहीं कर सकते। उन्हें स्वेच्छा से बूथ पर जाकर जांच करा लेनी चाहिए। जब ट्रेन आती है तो स्वास्थ्य कर्मी वहां खड़े होकर लोगों को जांच कराने के लिए प्रेरित करते हैं। लेकिन वे सुनते नहीं और चले जाते हैं।
एक सप्ताह की जांच
तिथि रेलवे स्टेशन एयरपोर्ट
17 अक्टूबर 346 50
16 278 00
15 102 57
14 397 00
13 235 29
12 250 41
11 17 00