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RGA न्यूज़
पूर्वोत्तर रेलवे के दफ्तर भी अब कार्पोरेट कल्चर के आधार पर तैयार होंगे। दफ्तर पूरी तरह साफ-सुथरा तो होंगे ही पुरानी फाइलों की तरह पुरानी कुर्सियां टेबल खिड़कियां शीशे और पर्दे आदि भी हट जाएंगे। विभागों का माहौल बेहतर होगा।
एनईआर के दफ्तरों में कारपोरेट कल्चर विकसित होगा।
गोरखपुर, रेलवे स्टेशन ही नहीं पूर्वोत्तर रेलवे के दफ्तर भी अब कार्पोरेट कल्चर के आधार पर तैयार होंगे। दफ्तर पूरी तरह साफ-सुथरा तो होंगे ही, पुरानी फाइलों की तरह पुरानी कुर्सियां, टेबल, खिड़कियां, शीशे और पर्दे आदि भी हट जाएंगे। विभागों का माहौल बेहतर होगा। रेलकर्मियों की कार्यप्रणाली तो बदलेगी ही, बाहर से आने वाले लोगों को भी बेहतर वातावरण और पारदर्शी व्यवस्था मिलेगी।
31 अक्टूबर तक चलेगा अभियान
इस बदलाव के लिए रेलवे बोर्ड ने भारतीय रेलवे स्तर पर विशेष स्वच्छता अभियान शुरू किया है, जो पूर्वोत्तर रेलवे सहित सभी जोन में 31 अक्टूबर तक चलेगा। अभियान के तहत दफ्तरों की सफाई व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी। इस दौरान पुराने टेबल, कुर्सी और खिड़कियों को दुरुस्त किया जाएगा। विद्युत उपकरण मसलन पुराने पंखे, कूलर, एसी व स्विच बोर्ड आदि भी बदल दिए जाएंगे। रेलवे बोर्ड ने इसके लिए पूर्वोत्तर रेलवे सहित सभी जोनल कार्यालयों को दिशा-निर्देश जारी कर दिया है। दरअसल, रेलवे में प्रत्येक वर्ष स्वच्छता पखवारा मनाया जाता है। पखवारा के तहत स्टेशन, ट्रेन और कालोनियों की साफ-सफाई तो हो जाती है लेकिन कार्यालयों की नोटिस नहीं ली जाती है
अभी बदतर है स्थिति
अधिकतर कार्यालयों में खराब कूलर, एसी और पंखे पड़े रहते हैं। कर्मचारियों को बैठने के लिए ढंग की कुर्सी तक नहीं होती। यही नहीं सफाई के नाम पर भी सिर्फ खानापूरी होती है। अधिकारियों के टायलेट में भी गंदगी पसरी रहती है। वैसे भी अब कार्यालयों की कार्यप्रणाली बदलने लगी है। टेबलों से धीरे-धीरे फाइलें गायब होने लगी हैं। विभागीय के अलावा वेतन, पीएफ, अवकाश और पास आदि से संबंधित कार्य भी ई आफिस पोर्टल पर आनलाइन होने लगे हैं। अधिकारी ही नहीं कर्मचारियों के टेबल पर भी कंप्यूटर सिस्टम दिखने लगे हैं। ऐसे में रेलवे बोर्ड का यह निर्णय कार्यालयों में तैनात अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए राहत देने वाला है।