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स्वास्थ्य विभाग का आंकलन है कि फरवरी में ओमिक्रोन वैरिएंट से 36 से 38 हजार लोग प्रभावित हो सकते हैं। इसमें से लगभग 10 प्रतिशत लोगों को हास्पिटल में भर्ती कराना पड़ सकता है। इसे लेकर विभाग अस्पतालों में बेड़ों की संख्या बढ़ाने की तैयारी कर रहा है।
गोरखपुर में फरवरी में ओमिक्रोन संक्रमण अपने चरम पर होने की अनुमान है। -
गोरखपुर, स्वास्थ्य विभाग ने पिछली दो लहरों के आधार पर यह आंकलन किया है कि फरवरी में ओमिक्रोन वैरिएंट से 36 से 38 हजार लोग प्रभावित हो सकते हैं। इसमें से लगभग 10 प्रतिशत लोगों को हास्पिटल में भर्ती कराना पड़ सकता है। इसे लेकर विभाग अस्पतालों में बेड़ों की संख्या बढ़ाने की तैयारी कर रहा है। एसीएमओ डा. एके चौधरी ने बताया कि कुछ विशेषज्ञों ने अशंका व्यक्त की है कि फरवरी में ओमिक्रोन का संक्रमण अपने चरम पर हो सकता है। इसलिए उसके पहले सारी तैयारी पूरी कर ली जाएगी।
चार हजार बेड की व्यवस्था कर रहा है स्वास्थ्य विभाग
हालांकि किस आधार पर 36 से 38 हजार लोगों के संक्रमित होने का आंकड़ा अनुमानित किया गया है। इसका सही जवाब स्वास्थ्य विभाग के पास नहीं है। डा. चौधरी ने बताया कि पहली लहर में लगभग 21 हजार व दूसरी लहर में 38 हजार लोग संक्रमित हुए थे। इसी के आधार पर माना जा रहा है कि कोरोना के पुन: लौटने पर इतने ही लोग संक्रमित हो सकते हैं। उस हिसाब से अस्पतालों की व्यवस्था की जा रही है। 2452 बेड तैयार हैं। इस सप्ताह 350 और बेड तैयार कर लिए जाएंगे। इसके बाद आठ सौ से एक हजार बेड के लिए निजी अस्पतालों में संभावनाएं तलाशी जाएंगी।
सीरो सर्वे में लिया जा रहा नमूना
प्रदेश में ओमिक्रोन मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। इसे देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने सीरो सर्वे के तहत सैंपल लेना शुरू कर दिया है। सर्वे के तहत 18 वर्ष से कम उम्र और उससे अधिक उम्र के लोगों का सैंपल लिया जा रहा है। अलग-अलग वर्गों के यह सैंपल जांच के लिए केजीएमयू भेजे जाएंगे। 12 से 18 वर्ष, 18 से 45 और 45 से 65 वर्ष के बीच का सैंपल लिया जाना है। पहले दिन 20 लोगों के सैंपल लिए गए हैं। कुल 100 लोगों के सैंपल लेकर केजीएमयू भेजे जाने हैं। यह जानकारी डा. एके चौधरी ने दी।