अब आशा कार्यकर्ता भी हाइटेक, मोबाइल से फीड करेंगी हर घर की जानकारी, आसान होंगे कार्य

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RGAन्यूज़

स्वास्थ्य सेवाओं के लिए आशा कार्यकर्ता घर-घर दस्तक देती हैं। उन्हें गर्भवती से लेकर सभी सदस्यों की जानकारी रखनी होती है। इसके साथ ही किस घर में कितने बीमार हैं और उन्हें किस तरह की परेशानी है आदि की जानकारी भी रखनी होती

जिले में तकरीबन 1940 आशा कार्यकर्ताएं काम कर रहीं हैं।

मुरादाबाद,। स्वास्थ्य सेवाओं के लिए आशा कार्यकर्ता घर-घर दस्तक देती हैं। उन्हें गर्भवती से लेकर सभी सदस्यों की जानकारी रखनी होती है। इसके साथ ही किस घर में कितने बीमार हैं और उन्हें किस तरह की परेशानी है आदि की जानकारी भी रखनी होती है। इसको लेकर सरकार ने उन्हें हाइटेक बनाना शुरू कर दिया है।

जिले में तकरीबन 1940 आशा कार्यकर्ताएं काम कर रहीं हैं। दिल्ली रोड स्थित सर्किट हाउस में मुख्य अतिथि सफाई कर्मचारी आयोग सदस्य सुरेंद्र वाल्मीकि ने आशा कार्यकर्ताओं को स्मार्टफोन दिए। फिलहाल 44 आशा कार्यकर्ताओं को स्मार्टफोन दिए गए हैं। इसके बाद बाकी सभी आशा कार्यकर्ताओं को फोन दिए जाएंगे। जिलाधिकारी शैलेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि आशा कार्यकर्ताा  शहरी-ग्रामीण को कोविड प्रोटोकाल को ध्यान में रखते हुए स्मार्टफोन वितरित किए गए हैं। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. एमसी गर्ग ने बताया कि आशा कार्यकर्ताओं का गांव-देहात में अधिक काम रहता है। स्मार्टफोन मिलने से उन्हें काम करने में बहुत आसानी होगी। इस दौरान एमएलसी डा. जयपाल सिंह व्यस्त, जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डा. दीपक वर्मा, रघुवीर सिंह, अरबन हेल्थ कोआर्डिनेटर प्रमोद कुमार 

आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने नौ हजार का मानदेय दिलाने की मांग उठाई : रामपुर में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका वेलफेयर एसोसिएशन के बैनर तले जुटे आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने मानदेय नौ हजार रुपये दिए जाने की मांग उठाई। इस मांग को लेकर उन्होंने जुलूस निकालकर ज्ञापन भी सौंपा। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता डा.आंबेडकर पार्क में जमा हुईं। कार्यकर्ताओं ने कहा कि सात जून 2018 को वार्ता कर उन्हें आश्वासन दिया गया था कि उन्हें एक अप्रैल से नौ हजार रुपये मानदेय दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इसका पालन अभी तक नहीं किया गया है। काम के हिसाब से उन्हें मानदेय नहीं दिए जाने के कारण आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के रूप में कार्य करने वाली महिलाएं आर्थिक तंगी से जूझ रही हैं। उन्होंने कहा कि उनकी मुख्य आठ सूत्रीय मांगें यदि शीघ्र पूरी नहीं की जाती हैं तो वे 23, 24 फरवरी को प्रस्तावित हड़ताल के कार्यक्रम में शामिल होने को मजबूर होंगी। 

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