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बिहार में 12 बार कोरोना वैक्सीन लेकर चर्चा में आए मधेपुरा के 84 वर्षीय बुजुर्ग ब्रह्मदेव मंडल घर से लापता हैं। उनका कोई पता अब तक नहीं चल सका है। मधेपुरा पुलिस ने उनके उपर एफआइआर दर्ज की थी। इसके
12 बार कोरोना वैक्सीन लेकर चर्चा में आए मधेपुरा के 84 वर्षीय बुजुर्ग ब्रह्मदेव मंडल घर से लापता हैं।
। पहले सीधे चल नहीं पाने वाले ब्रह्मदेव मंडल कोराेनारोधी टीका लेने वाले स्वस्थ्य हो गए हैं। झुककर लाठी के सहारे चलने वाले ब्रह्मदेव अब सीधे होकर बिना किसी सहारे के चल रहे हैं। इस पर स्वास्थ्य विभाग शोध करने के बदले उसके ऊपर स्वास्थ्य विभाग ने केस दर्ज करा दिया है। केस दर्ज होने के बाद पुलिस ने उसके घर पर छापामारी भी की है। इसके बाद पुलिस के डर से ब्रह्मदेव मंडल गायब हो गया है।
वह छिपकर रह रहा है। वहीं इस मुद्दे पर लोगों जांच की मांग की है कि आखिर 12 बार टीका लेने के बाद शरीर को फायदा हुआ। इसका कारण क्या है। इसपर स्वास्थ्य विभाग को शोध करना चाहिए। मेडिकल जांच होने चाहिए। लेकिन स्वास्थ्य विभाग इस ओर ध्यान नहीं देकर अपनी लापरवाही को ढकने के लिए केस दर्ज करा दिया है। वहीं विभाग की हो रही किरकिरी से बचने के लिए पोर्टल की गड़बड़ी को ढाल बनाया है।
प्रभारी सिविल सर्जन डा.अब्दुसलाम का कहना है कि पोर्टल में गड़बड़ी के कारण कई बार टीका लेने के बाद भी पता नहीं चल पाया। इसमें सुधार की जरूरत है। उनकी पत्नी निर्मला देवी ने बताया कि शरीर में परेशानी को दूर करने के लिए टीका लिया। क्या गुनाह किया जो पुलिस पीछे पड़ी हुई है। डर के मारे ब्रह्मदेव मंडल बाहर रह रहे
एक व्यक्ति द्वारा 12 बार कोरोनारोधी टीका लिया जाना स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही को दर्शाता है। यह मामला काफी संवेदनशील है इस मामले की स्वतंत्र एजेंसी से जांच होनी चाहिए। वहीं टीका लेने वाले की भी जांच होनी चाहिए कि उसके शरीर पर क्या प्रभाव है। -चंद्रशेखर कुमार, समाजसेवी।
कोरोनारोधी टीका लेने के बाद बीमारी दूर होना कैसे संभव हुआ। इसकी जांच होनी चाहिए। स्वास्थ्य विभाग इसकी जांच करें कि आखिर कैसे शरीर का दर्द दूर हुआ। साथ ही 12 डोज लेने की भी निष्पक्षता से जांच होनी चाहिए। -राजेश सर्राफ, अध्यक्ष, जिला व्यापार संघ।
विभाग से निर्देश आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल जांच रिपोर्ट में तकनकी गड़बड़ी की बात सामने आई है। -डा.अब्दुसलाम, प्रभारी सिविल सर्जन, मधेपुरा।