जानें, गोरखपुर में क्यों नही रहना चाहते तराई जिलों में सिंंघम, एडीजी से लगा रहे गोरखपुर से बाहर भेजने की गुहार

Praveen Upadhayay's picture

RGAन्यूज़

तराई के जिलों में सिंंघम बनकर गदर मचाने वाले पुलिस के दारोगा और इंस्पेक्टर गोरखपुर में आकर फेल हो गए। यहां की सख्त कार्यप्रणाली उन्हें रास नहीं आ रही है। ऐसे दारोगा और इंस्पेक्टर अब एडीजी से अपने स्थानांतरण की गुहार ल

गोरखपुर के कई इंस्पेक्टरों ने एडीजी से गैर जनपद में स्थानांतरण की गुहार लगाई है। - प्रतीकात्मक तस्वी

गोरखपुर, तराई के जिले में तैनात रहे तेज-तर्रार इंस्पेक्टर को दारोगा को पुलिस की छवि सुधारने और अपराधियों पर लगाम कसने के लिए गोरखपुर में तैनाती मिली थी।आने के बाद सबको थाने का प्रभार भी मिला।लेकिन एक साल के भीतर ही तराई के तेज-तर्रार माने जाने वाले इंस्पेक्टर व दारोगा ने हार मान ली है।अनुकंपा के आधार पर इन लोगों ने दूसरे जिले में तबादला करने की एडीजी को अर्जी दी थी, जिसे रद कर दिया गया है

पुलिस की छवि ठीक करने के लिए लाए गए थे गोरखपुर

28 सितंबर 2021 को रामगढ़ताल क्षेत्र में हुई कानपुर के कारोबारी मनीष गुप्ता की हत्या ने गोरखपुर पुुुलिस की छवि दागदार कर दी थी।इसे साफ करने के लिए एडीजी जोन अखिल कुमार ने जाेन के अन्य जनपदों में तैनात तेज-तर्रार इंस्पेक्टर को बुलाया था। जिसमें सिद्धार्थनगर से निरीक्षक रणधीर कुमार मिश्रा, राजेंद्र बहादुर सिंह, बहराइच से निरीक्षक मधुप कुमार मिश्र, संजय कुमार सिंह, विनय सरोज, गोंडा से निरीक्षक श्याम बहादुर सिंह, बलरामपुर से निरीक्षक कमलेश कुमार, विवेक मलिक, मानवेंद्र पाठक, चंद्रहास और उमेश कुमार बाजपेयी का नाम शामिल था।

रास नहीं आई गोरखपुर की थानेदारी

गोरखपुर आते ही इन लोगों को थाने का प्रभार मिल गया, लेकिन अधिकांश को यहां की व्यवस्था रास नहीं आयी। तिवारीपुर के थानेदार राजेंद्र प्रताप सिंह, प्रभार निरीक्षक गगहा संजय कुमार सिंह, न्यायलय सुरक्षा में तैनात निरीक्षक विनय सरोज,एएचटी थाना प्रभारी जय नारायण शुक्ल, क्राइम ब्रांच में तैनात कमलेश कुमार, सुबोध कुमार, सीओ चौरीचौरा की पेशी में तैनात मानवेंद्र पाठक और एसएसआइ खजनी दिनेश बहादुर सिंह ने जोन कार्यालय में अनुकंपा के आधार पर दूसरे जिले में तबादला करने की अर्जी दी थी, जिसे एडीजी ने रद कर दिया है।

हाल के दिनों में दूसरे जिले स्थानांतरित होकर गोरखपुर आए सात निरीक्षक व एक दारोगा ने अनुकंपा के आधार पर तबादला करने की अर्जी दी थी। तबादला की कोई उचित वजह न होने की वजह से सभी की अर्जी रद कर दी गई है। - अखिल कुमार, ए

  •  

Scholarly Lite is a free theme, contributed to the Drupal Community by More than Themes.