चंद्रग्रहण 2019 : मांग्लिक दोष वाले चंद्रग्रहण के दिन करें सुंदरकांड का पाठ, जानें इस दिन क्या करें और क्या करने से बचें

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RGA News (ब्यूरो चीफ) दिल्ली

चंद्रग्रहण एक खगोलीय घटना है। जब पृथ्वी, सूर्य और चंद्रमा के बीच में आ जाती है, तो यह चंद्रमा पर पड़ने वाली सूर्य की किरणों को रोकती है और उसमें अपनी छाया बनाती है तब चंद्रग्रहण होता। चंद्रग्रहण सदैव पूर्णिमा को ही होता है। इस समय में वातावरण में नकारात्मक ऊर्जा उत्सर्जित होती है। इस साल का पहला चंद्रग्रहण 21 जनवरी को होने वाला है। यह भारत में दिखाई नहीं देगा, मगर यह अपने नाम के कारण लोगों के बीच काफी चर्चा में है। 

चंद्रग्रहण के समय क्या करें?
चंद्र देव की आराधना करना चाहिए। चंद्र मंत्र 'ॐ क्षीरपुत्राय विद्महे अमृत तत्वाय धीमहि तन्नो चन्द्रः प्रचोदयात्' का जप करें।
चंद्रग्रहण समाप्त होने के बाद घर में शुद्धता के लिए गंगाजल का छिड़काव करें।
स्नान के बाद भगवान की मूर्तियों को स्नान कराएं और उनकी पूजा करें।
चंद्रग्रहण के बाद जरूरतमंद व्यक्ति और ब्राह्मणों को अनाज का दान करें।

चंद्रग्रहण में क्या न करें
गर्भवती स्त्रियों को ग्रहण में घर से बाहर न निकलें। दरअसल माना जाता है कि ग्रहण के दौरान वातावरण में नकारात्मक ऊर्जा का संचार हो रहा होता है इसलिए उन्हें घर से बाहर न निकलने की सलाह दी जाती है।

किसी भी प्रकार के शुभ कार्य ग्रहण के दिन न करें।

अपने मन में दुर्विचारों को न पनपने दें। 

ग्रहण के बाद पहले से बना हुआ भोजन न करें। ताजा बनाएं और उसका इस्तेमाल करें। 

यह लोग करें खास उपाय
जिन जातकों की कुंडली में मांगलिक दोष है, वे इसके निवारण के लिए चंद्रग्रहण के दिन सुंदरकांड का पाठ करें तो इसके सकारात्मक परिणाम मिलेंगें।

जिन जातकों की कुंडली में शनि की साढ़े साती या ढईया का प्रभाव चल रहा है, वे शनि मंत्र का जाप करें एवं हनुमान चालीसा का पाठ भी अवश्य करें।

ग्रहों का अशुभ फल समाप्त करने और विशेष मंत्र सिद्धि के लिए इस दिन नवग्रह, गायत्री एवं महामृत्युंजय आदि शुभ मंत्रों का जाप करें। दुर्गा चालीसा, विष्णु सहस्त्रनाम, श्रीमदभागवत गीता, गजेंद्र मोक्ष आदि का पाठ भी कर सकते हैं।

 

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