

RGAन्यूज़ दिल्ली संवाददाता भानु प्रताप
दिल्ली,संवाददाता :- चीन में कोरोना संक्रमण फिर एक बार तेजी से फैल रहा है। चीन के बडे शहरों से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में भी कोरोना के मामले तेजी से बढ रहे है। ऐसे में एक बार फिर से दुनियाभर में कोरोना विस्फोट होने की संभावना जताई जा रही है। सीनियर महामारी एक्सपर्ट ने चीन के 60 फीसदी लोगों को कोविड से संक्रमित होने की संभावना जताई है। एक्सपर्ट एरिक फीगल-डिंग का कहना है की, तेजी से संक्रमण की वजह से लाखों लोगों की मौत हो सकती है। चीन ने आम लोगों के विद्रोह के बाद बिना किसी तैयारी के ही जीरो कोविड पॉलिसी में ढील दे दी है, इसके बाद चीन के कई इलाकों में कोरोना संक्रमण की रफ्तार बढी है।
महामारी विशेषज्ञ और स्वास्थ्य अर्थशास्त्री एरिक फीगल-डिंग ने बताया की, चीन में अस्पताल पूरी तरह से भर गए है। महामारी एक्सपर्ट का अनुमान है कि अगले 90 दिनों में चीन के 60 फीसदी से अधिक और दुनिया की 10 फीसदी आबादी के संक्रमित होने की संभावना है। तेजी से संक्रमण बढने के बाद लाखों लोगों की मौत होने की संभावना है।
वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के मुताबिक बीजिंग के नामित श्मशान घाटों में से एक हाल के दिनों में शवों से भरे नजर आए। ये देश में महामारी प्रतिबंधों में अचानक ढील देने की ओर इशारा करता है। डब्लूएसजे की रिपोर्ट के अनुसार श्मसान परिसर में काम करने वाले लोगों के अनुसार चीनी राजधानी के पूर्वी छोर पर बीजिंग डोंगजियाओ कब्रिस्तान पर अंत्येष्टि सेवाओं के अनुरोधों में उछाल आया है।
अधिकारियों ने 19 और 23 नवंबर के बीच चार मौतों की घोषणा के बाद से चीन ने बीजिंग में किसी भी कोविड से मौत की सूचना नहीं दी है। चीन में होने वाली मौतों को बहुत कम रिपोर्ट किया जा रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक अंतिम संस्कार सेवाओं में हाल में काफी बढोत्तरी हुई है। महामारी एक्सपर्ट के मुताबिक, बीजिंग में दाह संस्कार नॉनस्टॉप है। मुर्दाघर ओवरलोडेड है। दाह संस्कार के लिए लंबी कतार लगी है।
चीन कोरोना वायरस के छोटे से प्रकोप के खिलाफ भी पिछले तीन सालों से अपने ‘जीरो कोविड’ दृष्टिकोण को लागू करता आया था, लेकिन लॉकडाउन, कोविड टेस्ट और क्वारंटाइन सिस्टम को खत्म करने के बाद मामलों को तेजी से इजाफा हुआ। कम टीकाकरण दर और अव्यवस्थित इमरजेंसी सेवाओं के चलते चीन की एक बडी आबादी वायरस की चपेट में है। जीरो कोविड पॉलिसी में ढील के कारण चीन की 1.4 अरब आबादी में से 10 लाख लोगों की मौत हो सकती है।