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उच्च न्यायालय ने आदेशों में हेराफेरी करने को लेकर नाराजगी जताते हुए अपने कर्मचारियों को कड़ी फटकार लगाई है। ...
नई दिल्ली:-सुप्रीम कोर्ट ने न्यायपालिका के दिए एक आदेश से हुई छेड़छाड़ को लेकर अपनी नाराजगी जाहिर की है। उच्च न्यायालय ने आदेशों में बदलाव करने को लेकर अपने कर्मचारियों को कड़ी फटकार लगाई है। मामले में कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा है कि अदालत के कर्मचारियों की वजह से कुछ प्रभावशाली कॉरपोरेट घराने न्यायपालिका में प्रवेश कर गए हैं, जिसकी वजह से वो कोर्ट के कुछ फैसलों को बदलने में कामयाब हुए हैं।
दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली ग्रुप के छह आपूर्तिकर्ताओं को फोरेंसिक ऑडिटर पवन अग्रवाल के सामने पेश होने का दिशा-निर्देश दिया था, लेकिन अदालत के आदेश में हेराफेरी कर किसी दूसरे ऑडिटर का नाम जोड़ दिया गया। न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा की अगुवाई वाली पीठ ने कोर्ट के आदेश को बदलने को दुर्भाग्यपूर्ण और हैरान करने वाला बताया है। उन्होंने कहा कि इससे संकेत मिलता है कि कुछ प्रभावशाली कॉरपोरेट घरानों ने अदालत के फैसले में गड़बड़ी करवाने के लिए कर्न्यामचारियों द्वारा न्यायपालिका में प्रवेश करने में कामयाबी हासिल की है
बता दें कि इससे पहले भी एक ऐसा ही मामला सामने आया था, जिसमें अदालत ने अपने दो कर्मचारियों पर आपराधिक मामला लगाते हुए नौकरी से निकाल दिया था। दरअसल ये मामला न्यायमूर्ति आरएफ नरिमन के द्वारा उध्योगपती अनिल अंबानी के कोर्ट में पेश होने को लेकर था। कोर्ट ने माना की फैसले में बदलाव करके अनिल अंबानी को अदालत में पेश होने से छूट दी गई।
मामले में न्यायमूर्ति मिश्रा ने कड़ी नाराजगी जताते हुए कहा है कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। यहां क्या हो रहा है? वे हमारी ऑर्डर शीट में हेरफेर करने की कोशिश कर रहे हैं। कोर्ट में बहुत गंभीर बातें हो रही हैं। कोर्ट ने कहा कि 2 या 3 लोगों को निकालने से कुछ नहीं होगा, कुछ और लोगों को बाहर निकालना होगा। यह लोग न्यायपालिका को नष्ट कर रहे है और हम इसकी अनुमति नहीं दे सकते है।