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पोस्ट ऑफिस के नेटवर्क वाला भारतीय डाक विभाग पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) के नाम से एक स्कीम की पेशकश करता है जिसमें निवेश कर आप अधिक से अधिक मुनाफा अर्जित कर सकते हैं।...
नई दिल्ली:-भारतीय डाक (पोस्ट ऑफिस) देश भर में कई डाक सेवाओं के साथ ही विभिन्न प्रकार की बैंकिंग सुविधाओं की पेशकश करता है। पोस्ट ऑफिस में सेविंग अकाउंट से लेकर कई तरह की सेविंग स्कीम मौजूद हैं। पोस्ट ऑफिस के नेटवर्क वाला भारतीय डाक विभाग पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) के नाम से एक स्कीम की पेशकश करता है, जिसमें निवेश कर आप अधिक से अधिक मुनाफा अर्जित कर सकते हैं। आज हम आपको डाकघर की तरफ से पेश की जाने वाली लोक भविष्य निधि (PPF) निवेश विकल्प के बारे में बता रहे हैं।
डाकघर सेविंग स्कीम पर ब्याज दरें सरकार की स्मॉल सेविंग स्कीम पर ब्याज दरों के अनुरूप चलती हैं, जिन्हें तिमाही आधार पर संशोधित किया जाता है।
डाकघर के 15 वर्षीय पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) अकाउंट में सेविंग करके टैक्स में कटौती के लिए क्लेम किया जा सकता है।
डाकघर पब्लिक प्रोविडेंट फंड अकाउंट कैश या चेक से खोला जा सकता है।
अगर पीपीएफ अकाउंट चेक से खोला जाता है तो सरकार के अकाउंट में चेक जमा होने की तारीख को अकाउंट खोलने की तारीख माना जाता है।
पीपीएफ अकाउंट को सिंगल या ज्वाइंट तौर पर भी खोला जा सकता है।
इस अकाउंट को खोलने के लिए न्यूनतम 100 रुपये और एक वित्त वर्ष में 500 रुपये जमा करने होते हैं।
इस अकाउंट में एक वित्त वर्ष में अधिकतम 1,50,000 रुपये एक साथ या 12 किश्तों में जमा किए जा सकते हैं।
पब्लिक प्रोविडेंट अकाउंट में प्रति वर्ष 8 फीसद की दर से ब्याज मिलता है।
टैक्स बेनिफिट
पब्लिक प्रोविडेंट अकाउंट में निवेश पर आयकर अधिनियम 1961 की धारा 80 सी के तहत आयकर लाभ के लिए क्लेम किया जा सकता है। भारतीय पोस्ट के अनुसार इस पर अर्जित ब्याज भी टैक्स फ्री है।
मैच्योरिटी
पीपीएफ अकाउंट की मैच्योरिटी 15 वर्ष में पूरी होती है और इससे पहले इस अकाउंट को बंद नहीं किया जा सकता है। इस अकाउंट को मैच्योरिटी होने से एक साल पहले 5 सालों के लिए आगे बढ़ाया जा सकता है। अकाउंट खोलने के 7 साल बाद इस अकाउंट से प्रति वर्ष पैसा निकाला जा सकता है। इस अकाउंट को 3 साल पूरे हो जाने पर इस पर लोन भी लिया जा सकता है।