RGA News, दिल्ली
Share Market Live भारतीय शेयर बाजार के आज तेजी के साथ खुलने की उम्मीद की जा रही है। केंद्रीय बजट से जुड़ी बड़ी उम्मीदों के कारण एशियाई शेयर बाजारों से भी मजबूत संकेत मिल रहे हैं।...
नई दिल्ली:- रोजगार की दर में कमी, कृषि संकट, जीडीपी ग्रोथ रेट में गिरावट और ग्लोबल ट्रेड वार के बीच आज संसद में देश का आम बजट पेश होने जा रहा है। इन सब चुनौतियों के बावजूद चूंकि मोदी सरकार 2.0 एक बड़े बहुमत के साथ सत्ता में आई है, इसलिए बाजार को उम्मीद है कि आज के बजट में बड़े सुधारवादी और विकास दर को बढ़ाने वाले निर्णय देखने को मिल सकते हैं।
09:21 AM
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का संवेदी सूचकांक सेंसेक्स आज 82.34 अंकों की बढ़त के साथ 39,990.40 पर खुला। वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का सूचकांक निफ्टी आज 11,946.75 अंकों पर करीब 18 अंकों की बढ़त के साथ खुला।
खबर लिखते समय बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 110.37 अंकों की बढ़त के साथ 40,018.43 पर कारोबार कर रहा था। उधर नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का सूचकांक निफ्टी 33.70 अंकों की बढ़त के साथ 11,980.45 अंकों पर कारोबार कर रहा था। निफ्टी की 50 कंपनियों में से 38 कंपनियों के शेयर हरे निशान पर व 12 कंपनियों के शेयर लाल निशान पर कारोबार करते दिखे
भारतीय शेयर बाजार के आज तेजी के साथ खुलने की उम्मीद की जा रही है। केंद्रीय बजट 2019 से जुड़ी बड़ी उम्मीदों के कारण एशियाई शेयर बाजारों से भी मजबूत संकेत मिल रहे हैं। धीमी अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए पुनरुद्धार नीतियों की उम्मीद के कारण बजट से एक दिन पहले शेयर बाजार सूचकांक सेंसेक्स और निफ्टी बढ़त के साथ बंद हुए हैं। हालांकि, बजट से एक दिन पहले गुरुवार को संसद में पेश हुआ इकोनॉमिक सर्वे शेयर बाजार पर कोई बड़ा प्रभाव डालने में नाकाम रहा है।
देश की पहली महिला वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज संसद में अपना पहला केंद्रीय बजट पेश करने जा रही हैं। यह बजट ऐसे समय में पेश होने जा रहा है जब देश की विकास दर वित्त वर्ष 2018-19 में पांच सालों के निचले स्तर 6.8 फीसद पर रही है।
निर्मला सीतारमण के पहले बजट में इन पहलुओं पर है बाजार की नजर
निर्मला सीतारमण के इस पहले आम बजट में कई पहलुओं पर बाजार की नजरें हैं। इकोनॉमिक सर्वे के अनुसार विकास दर तेजी से आगे बढ़ने वाली है, लेकिन ऐसा नजर नहीं आ रहा। वास्तव में वित्त वर्ष 2019-20 के लिए जीडीपी का अनुमान 7 फीसदी ही है। बजट से पहले, रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि सरकार ने राजकोषीय समकेन के लिए संशोधित रोडमैप में बदलाव नहीं किया है, जो कि एक सकारात्मक संकेत है। इकोनॉमिक सर्वे की प्रमुख बातों पर गौर करने के बाद बाजार को उम्मीद है कि अर्थव्यवस्था को सपोर्ट करने वाले सेक्टर्स जैसे कृषि, ग्रामीण खपत, ऑटोमोबाइल, बैंकिंग और एनबीएफसी में बड़ी सुधारवादी नीतियां लायी जा सकती हैं।