संस्कृत के दुर्लभ ग्रंथों का संपादन आवश्यक, ताकि समृद्धि हो सके संस्कृत


RGA न्यूज़
प्रो.रमाकांत पांडेय ने कहा कि आधुनिक विद्वानों को दुर्लभ ग्रंथों का संपादन कर संस्कृत को समृद्ध बनाना चाहिए। संपादन में भाष्य उपकारक तो है परंतु संपादन कार्य भाष्याधृत नहीं होना चाहिए। संपादन करते हुए कवि के स्वारस्य को स्पष्ट करना चाहिए