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रामलीला संचालन समिति ने बैठक कर कार्यक्रम की दी जिम्मेदारी

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राष्ट्रीय ग्रामीण आवाज ब्यूरो चीफ अवधेश शर्मा

माघ मेला के अंतिम स्‍नान पर्व पर संगम में लग रही डुबकी, संगम नगरी हुई शिवमय

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Mahashivratri Parv 2022 प्रयागराज माघ मेला 2022 का समापन आज महाशिवरात्रि स्‍नान पर्व से होगा। गंगा यमुना के संगम में हजारों की संख्‍या में श्रद्धालु आस्‍था की डुबकी लगा रहे हैं। जनपद के शिव मंदिरों में जलाभिषेक पूजन-अर्चन का क्रम सुबह से जारी है।

Mahashivratri Snan Parv 2022: संगम नगरी में गंगा और यमुना के संगम में आस्‍था की डुबकी लग रही है।

महाशिवरात्रि आज, पढ़ें 01 मार्च 2022 का पंचांग, जानें मुहूर्त, राहुकाल एवं दिशाशूल

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Aaj Ka Panchang हिन्दी पंचांग के अनुसार आज फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि है। आज 01 मार्च 2022 और दिन मंगलवार है। आज चतुर्दशी तिथि का प्रारंभ हो जाएगा ऐसे में महाशिवरात्रि का महापर्व आज

अलग-अलग संदेश सामहित किए हुए हैं भगवान शिव के शरीर पर मौजूद एक-एक चीज़

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Maha Shivratri 2022 भगवान शिव की महानता और उदारता का अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि उनके गले में विष और सर्प विराजते हैं। बालों में मां गंगा तो माथे पर चंद्रमा सुशोभते हैं। ये सभी चीज़ें एक खास तरह का संदेश

देवों के देव महादेव की एक तस्वीर

भगवान शिव बहुत ही दयालु हैं और किसी का भी तिरस्कार नहीं करते, सबको स्वीकारते हैं। इसलिए तो वो देवों के देव महादेव कहे जाते हैं। भगवान शिव की वेशभूषा में शामिल चंद्रमा से लेकर गंगा, त्रिशूल से लेकर सांप, गले में विष से लेकर सवारी बैल तक हर एक चीज़ अपने में एक अलग संदेश समाहित किए हुए है। 

अपने प्रियजनों को इन प्यार भरे मैसेज से दें आज के दिन की शुभकामनाएं

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Happy Maha Shivratri 2022 शिवरात्रि के इस पावन दिन की शुरुआत करें अपने प्रियजनों को ये प्यार भरे मैसेजेस भेजकर। आप चाहें तो इन मैसेज को आज के लिए अपना फेसबुक और वॉट्सएप स्टेट्स भी बना कर रख सकते

 

देवों के देव महादेव की अद्भुत मूर्ति

मनचाहे वर की प्राप्ति के अलावा भी कई वजहों से खास है शिवरात्रि का पर्व

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MahaShivratri 2022 शिवरात्रि शिव और उमा का मिलन पर्व है अर्थात पुरुष और प्रकृति का मिलन। शिव और शक्ति का एकाकार होना ही शिवरात्रि है। और किन वजहों से शिवरात्रि मनाया जाता है और क्या है इसका महत्व जानें यहां

Maha Shivratri की एक बेहद खूबसूरत तस्वीर

पार्वती की पति रूप में महादेव शिव को पाने के लिए की गई तपस्या का फल महाशिवरात्रि है। यह शिव और शक्ति के मिलन की रात है। आध्यात्मिक रूप से इसे प्रकृति और पुरुष के मिलन की रात माना जाता है। इसी दिन माता पार्वती और शिव विवाह के पवित्र सूत्र में बंधे। 

महादेव को प्रसन्न करने के लिए महामृत्युंजय जाप के साथ इन चीज़ों से करें उनकी पूजा

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MahaShivratri 2022 वैसे तो भगवान शिव मन की भक्ति से ज्यादा प्रसन्न होते हैं लेकिन कुछ ऐसे फूल और फल हैं जो उनको अति प्रिय है इसलिए आज के दिन की जाने वाली पूजा में उन्हें खासतौर से शामिल करना चा

महादेव की अलग अलग तरह की मूर्तियां

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को माता पार्वती और भगवान शिव का विवाह हुआ था। तो उनके महामिलन को धूमधाम और पूरे उत्साह के साथ शिवरात्रि के रूप में मनाया जाता है।

शिवलिंग की क्यों की जाती है आज पूजा?

महाशिवरात्रि आज, शिवलिंग पर भूलकर भी न करें ये 7 चीजें अर्पित, बाबा भोलेनाथ हो जाएंगे अप्रसन्न!

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Maha Shivratri 2022 बाबा भोलेनाथ की पूजा में बेलपत्र धतूर फूल-फल आदि जैसी चीजें चढ़ाई जाती हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि ऐसी भी कुछ चीजें हैं जिनको शिवलिंग पर कभी नहीं चढ़ाया जाना चाहिए वरना भगवान शिव हो जाएंगे नाराज

महाशिवरात्रि आज, शिवलिंग पर भूलकर भी न करें ये 7 चीजें अर्पित, बाबा भोलेनाथ हो जाएंगे अप्रसन्न!

कूंडे की नियाज पर रहा माहौल सूफियाना घरों में हुई नियाज,तबर्रुक बांटा

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RGAन्यूज़ संवाददाता मुदित प्रताप सिंह

बरसाना की लठामार होली, यहां तो बूढ़ी हड्डियों में भी है नौजवानों जैसा जोश

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Lathamar Holi 2022 तन में ताकत नहीं मन है कि मानता नहीं। 11 और 12 मार्च को है बरसाना और नंदगांव में लठामार होली। नई -नवेली हुरियारियों के लठों का वार सहने को उत्साहित हैं बुजुर्ग हुरियारे। शरीर से बूढ़े हुए लेकिन होली की 

Lathamar Holi 2022: बरसाना और नंदगांव में हुरियारने कुछ इसी तरह बरसाती हैं लट्ठ। फाइल फो

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