एएफसीआई गोदाम में आग से बचाव को कोई उपकरण नहीं 

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चंपावत संवाददाता 

हर वर्ष गर्मी का मौसम शुरू होते ही विभिन्न विभागों द्वारा आग से बचाव के लिए गोष्ठी आयोजित की जाती है। जिसमें कई बडे़ दावे व विचार रखे जाते है। लेकिन घटना होने की स्थिति में इन दावों की पोल सामने आ जाती है। वहीं नगर के कई विभागों में आग के बचाव के लिए महत्वपूर्ण सामग्री तक उपलब्ध नही है।

एफसीआई गोदाम में पिछले दस वर्षो से आग के बचाव के लिए उपकरण उपलब्ध नही है। इस गोदाम में आग के बचाव के लिए दो बाल्टी टूटी-फूटी हालत मे है। जिसमे रेता रखा गया है।

राजा भैया ने तोड़ा अखिलेश यादव का भरोसा, आजम हो गए बेहद करीब

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राजा भैया ने अखिलेश यादव को समर्थन का वादा किया फिर वोटिंग के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की।                       लखनऊ -अखिलेश यादव की सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे निर्दलीय विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया ने अब उनका भरोसा तोड़ दिया है। इसके इतर अखिलेश यादव का भरोसा पूर्व मंत्री आजम खां पर अधिक बढ़ गया है।

जिन हाथों में होनी थीं किताबें उन हाथों में विरोध की तख्तियां क्यों 

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मैथ और इकॉनामिक्स की परीक्षा दे चुके छात्रों की नींद इस पेपर लीक मामले ने उड़ा दी है। छात्रों ने काफी मेहनत से अपनी परीक्षा की तैयारी की थी अब उन्हें पता चला है कि उन्हें दोबारा से पेपर देना होगा।

पेपर लीक होने की घटना को लेकर छात्रों में काफी रोष है-

नगर निगम  की कार्यवाही के बाद  टैक्स जमा करने लगे दुकानदार

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बरेली न्यूज ब्यूरो राजबहादुर शर्मा 

बरेली नगर निगम की तरफ से बार पर कार्रवाई होने के एक दिन बाद ही बटलर प्लाजा के दुकानदार अपने टैक्स जमा करने को दौड़ लगाने लगे. शुक्रवार को सिविल लाइंस जोन के दुकानदारों, प्रतिष्ठान मालिकों से लेकर शहर भर के लोग कर जमा कराने के लिए निगम पहुंचे.

साल भर तक सूने पड़े रहने वाले नगर निगम के काउंटर पर लाइन लगाकर रकम जमा कराई. निगम के खजाने में दिन भर में 67 लाख रुपये इकट्ठा हो गया.

शहर में नौ करोड़ से ज्यादा बकाया

कांग्रेस का चेहरा बदलने में कितने सहज राहुल गांधी?

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राहुल गांधी ने 16 दिसंबर 2017 को जब औपचारिक तौर पर कांग्रेस की कमान संभाली तो इस पुरातन पार्टी में कुछ बड़े बदलावों की उम्मीद लगाई जा रही थी।

ऐसी उम्मीदों को अमली जामा पहनाने के बजाए नई टीम को आगे बढ़ाने को लेकर राहुल की रफ़्तार सुस्त दिखी हैं।

वो युवा हैं लेकिन निर्णय लेने में किसी तरह का आवेग दिखाने की बजाए वो जाने पहचाने तरीकों को आजमाते और गुणा-गणित करते दिखते हैं।

नगर निगम नींद में मच्छरों का तांडव

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बरेली ब्यूरो राजबहादुर शर्मा 

बरेली जिला कीट अधिकारी की आशंका सच साबित होने लगी। मच्छरों के झुंड मुश्किल पैदा करने लगे हैं। जिला अस्पताल में शुक्रवार को बड़ी तादात में बुखार पीड़ित पहुंचे। अधिकांश की मलेरिया की आशंका के चलते जांच हुई। इसके अलावा पंद्रह बुखार के मरीज भर्ती हैं। हालात आगे भी खराब होंगे, ऐसी आशंका अब डॉक्टर भी जता रहे हैं। बावजूद नगर निगम सो रहा है और मच्छरों का आतंक बढ़ता ही जा रहा है।

एनाफिलीज मच्छरों की बढ़ रही तादाद

गन्ना सूख गया, अब मुझे भी मार डालो

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बरेली न्यूज: मीरगंज

बरेली के मीरगंज डीएसएम शुगर मिल के गांव गुरुगांव स्थित क्रय केंद्र पर गन्ने की तौल आठ दिनों से बंद है। किसान ट्रैक्टर-ट्रॉलियों में गन्ना लेकर खड़े हैं। शुक्रवार को उनका सब्र जवाब दे गया। सेंटर पहुंचे केन मैनेजर की गाड़ी के आगे परेशान किसान लेट गया। बोला गन्ना सूख रहा है, यदि नहीं तौलना है तो पहले मुझे मार दो फिर आगे जाना। साथी का दर्द देख अन्य किसान भड़के उठे। उन्होंने गन्ना क्रय केंद्र पर जमकर हंगामा किया। घंटों मिल अफसरों से उनकी तीखी झड़प हुई।

बिहार में क्यों हो रही हैं साम्प्रदायिक हिंसा की घटनाएं?

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बिहार इन दिनों दंगों की आग में झुलस रहा है। एक के बाद एक कई शहर हिंसा की चपेट में आ रहे हैं।

भागलपुर ज़िले से शुरू हुई हिंसा धीरे-धीरे अपने पैर पसारते हुए औरंगाबाद, समस्तीपुर, मुंगेर होते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह ज़िले नालंदा तक पहुँच गई। शुक्रवार को नवादा जिले से भी हिंसा की ख़बरें आईं।

साल 1989 में हुए भागलपुर दंगों के बाद छिटपुट घटनाओं को छोड़ कमोबेश बिहार ने साम्प्रदायिक हिंसा का दौर नहीं देखा।

चाहे नीतीश कुमार की सरकार रही हो या लालू प्रसाद यादव की. दोनों के शासनकाल में साम्प्रदायिक सौहार्द का माहौल बना रहा।

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